हेमंत सोरेन का चढ़ा पारा बाबूलाल के CCTV फुटेज ने खोली पोल, प्रदीप यादव पर क्यों भड़के सीएम?
News India Live, Digital Desk : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने सहयोगी कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव के रवैये से खुश नहीं हैं। आखिर ऐसा क्या हो गया?
बाबूलाल का वार और प्रदीप यादव का फँसना
सदन की कार्यवाही के दौरान, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक मुद्दा उठाया और सबूत के तौर पर एक सीसीटीवी फुटेज का जिक्र किया। अक्सर ऐसे मौकों पर सत्ता पक्ष एकजुट होकर विपक्ष को जवाब देता है। लेकिन यहाँ कहानी थोड़ी पलट गई।
कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने इस मुद्दे पर कुछ ऐसी दलीलें दीं या ऐसी प्रतिक्रिया दी, जो शायद सीएम हेमंत सोरेन को रास नहीं आई। सूत्रों की मानें तो सीएम को लगा कि प्रदीप यादव के बोलने से मामला दबने के बजाय और तूल पकड़ गया, जिससे सरकार की फजीहत हो गई।
CM को क्यों आया गुस्सा?
हेमंत सोरेन बहुत नपे-तुले नेता माने जाते हैं, वे जल्दी आपा नहीं खोते। लेकिन बताया जा रहा है कि वे इस बात से खफा हैं कि गठबंधन के साथियों को विपक्ष के जाल में फंसने के बजाय समझदारी से डिफेंड करना चाहिए था। बाबूलाल मरांडी जैसे अनुभवी नेता के सामने कमजोर दलीलें देने का मतलब है उन्हें और हावी होने का मौका देना।
प्रदीप यादव की इस चूक ने विपक्ष को सरकार पर उंगली उठाने का एक और बहाना दे दिया, और शायद यही बात सीएम को चुभ गई।
क्या गठबंधन में सब ठीक है?
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या जेएमएम (JMM) और कांग्रेस के बीच "कोऑर्डिनेशन" की कमी है? जब विपक्ष (BJP) पूरी आक्रामकता के साथ हमले कर रहा है, ऐसे में सत्ता पक्ष के नेताओं का सुर ताल न मिलना भारी पड़ सकता है।
बाबूलाल मरांडी के हाथ में वो फुटेज है, और सत्ता पक्ष के अंदर तनातनी। झारखंड की राजनीति के लिए आने वाले कुछ दिन काफी गरमा-गरम रहने वाले हैं। अब देखना होगा कि प्रदीप यादव इस नाराजगी को कैसे दूर करते हैं।
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