झारखंड वालों, नए साल से पहले आ गई सेहतमंद खबर राज्य को मिलेगी पहली मेडिकल यूनिवर्सिटी
News India Live, Digital Desk : झारखंड अलग राज्य तो सालों पहले बन गया था, लेकिन यहाँ के मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को एक बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता था। यहाँ मेडिकल कॉलेज तो थे, लेकिन कोई अपनी 'मेडिकल यूनिवर्सिटी' नहीं थी। इसका असर यह होता था कि एग्जाम कभी टाइम पर नहीं होते थे और डिग्रियां मिलने में भी देरी होती थी।
लेकिन अब आप खुश हो जाइए, क्योंकि झारखंड सरकार ने नए साल (New Year) से पहले ही छात्रों को एक बड़ा गिफ्ट देने का मन बना लिया है।
क्या है मंत्री जी का प्लान?
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी (Irfan Ansari) ने साफ कर दिया है कि झारखंड को जल्द ही अपनी पहली मेडिकल यूनिवर्सिटी (First Medical University) मिलने जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। सरकार ने इसका पूरा ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और इसे जल्द ही शुरू होने वाले विधानसभा सत्र (Assembly Session) में पेश किया जाएगा। वहां से मुहर लगते ही काम शुरू हो जाएगा।
क्यों पड़ी इसकी ज़रूरत?
अभी तक क्या होता था कि राज्य के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज, अलग-अलग यूनिवर्सिटी (जैसे राँची यूनिवर्सिटी या विनोबा भावे यूनिवर्सिटी) के अंडर आते थे। सामान्य यूनिवर्सिटी होने के कारण मेडिकल की परीक्षाओं और सिलेबस पर उतना फोकस नहीं हो पाता था। नतीजा—सेशन लेट होना (Late Sessions) और छात्रों का तनाव।
अब जब राज्य की अपनी मेडिकल यूनिवर्सिटी होगी, तो सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज और पैरा-मेडिकल संस्थान एक ही छत के नीचे आ जाएंगे।
छात्रों को क्या फायदा होगा?
- समय पर एग्जाम: अब एमबीबीएस (MBBS) और नर्सिंग के एग्जाम समय पर होंगे।
- एक जैसा सिलेबस: पूरे राज्य में पढ़ाई का एक ही पैटर्न लागू होगा।
- परेशानी कम: डिग्री और सर्टिफिकेट के लिए छात्रों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक कर यह पक्का कर लिया है कि बिल में कोई कमी न रहे। उनका कहना है कि यह झारखंड के हेल्थ एजुकेशन सेक्टर में एक क्रांति लाएगा।
तो कह सकते हैं कि यह साल जाते-जाते झारखंड के भावी डॉक्टरों के लिए एक बड़ी राहत देकर जा रहा है। अब बस इंतज़ार है विधानसभा में इस बिल के पास होने का!
--Advertisement--