Yoga : रीढ़ की हड्डी और पीठ दर्द से मुक्ति सेतुबंधासन योग से पाएं जबरदस्त स्वास्थ्य लाभ
News India Live, Digital Desk: आधुनिक जीवनशैली में, खासकर जो लोग लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं, उन्हें अक्सर पीठ दर्द, रीढ़ की हड्डी में अकड़न और गर्दन के दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में 'सेतुबंधासन' (Bridge Pose) एक ऐसा योगासन है, जो इन परेशानियों से राहत दिलाने और समग्र शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में अद्भुत काम कर सकता है। इसका नाम 'सेतु' यानी पुल से आया है, क्योंकि इस आसन में शरीर पुल जैसी आकृति बनाता है।
पीठ दर्द से छुटकारा:
सेतुबंधासन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह पीठ के निचले हिस्से (लोअर बैक) और रीढ़ की हड्डी के लिए बेहद फायदेमंद है। यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है, जिससे पीठ में दर्द कम होता है। खासकर उन लोगों के लिए जो घंटों कुर्सी पर बैठे रहते हैं, यह आसन पीठ की मांसपेशियों को फैलाने और उन्हें राहत देने में मदद करता है। नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
तनाव और चिंता में कमी:
यह आसन न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। सेतुबंधासन मस्तिष्क को शांत करता है और हल्के अवसाद, तनाव और चिंता के लक्षणों को कम करने में सहायक है। जब आप इस आसन में होते हैं, तो यह आपकी छाती और गर्दन को भी फैलाता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पाचन में सुधार:
यह योगासन पेट के अंगों को उत्तेजित करता है, जिससे पाचन तंत्र बेहतर काम करता है। यह कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। पेट पर पड़ने वाला हल्का दबाव रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और अंगों को कार्यक्षम बनाता है।
गर्दन और सीने को फैलाता है:
सेतुबंधासन से गर्दन और छाती की मांसपेशियों में भी खिंचाव आता है, जो इन क्षेत्रों में अकड़न को दूर करता है और लचीलापन बढ़ाता है। यह थायराइड ग्रंथियों को भी उत्तेजित करता है, जिससे उनके कार्यप्रणाली में सुधार आ सकता है। यह शरीर को पोस्चर सही करने में भी सहायक है।
अनिद्रा में सहायक:
यदि आपको नींद न आने की समस्या है, तो सेतुबंधासन का अभ्यास सहायक हो सकता है। यह शरीर और दिमाग को आराम देता है, जिससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।
मासिक धर्म की ऐंठन में राहत:
महिलाओं के लिए भी यह आसन फायदेमंद हो सकता है। मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन (क्रैंप्स) और असुविधा से राहत पाने में सेतुबंधासन मदद कर सकता है। यह प्रजनन अंगों में रक्त प्रवाह को भी बेहतर करता है।
इस आसन का अभ्यास सही तरीके से करना महत्वपूर्ण है। किसी योग गुरु की देखरेख में इसे सीखना अधिक सुरक्षित और प्रभावी रहता है, ताकि आप अधिकतम लाभ उठा सकें और चोट से बच सकें। सेतुबंधासन का नियमित अभ्यास एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
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