पटना में सीजन का सबसे घना कोहरा, रफ्तार पर लगा ब्रेक, पर किसानों के चेहरे खिले! जानें बिहार के मौसम का पूरा हाल

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सर्दियों के इस मौसम में गुरुवार की सुबह बिहार वासियों के लिए अब तक की सबसे घनी धुंध लेकर आई. राजधानी पटना में तो आलम यह था कि विजिबिलिटी (दृश्यता) गिरकर सिर्फ 50 मीटर रह गई थी, जो इस सीजन में सबसे कम है. सुबह-सुबह घना कोहरा छाए रहने की वजह से उत्तर बिहार के समस्तीपुर समेत कई जिले धुंध की चादर में लिपटे नजर आए, जिससे सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया.

दिन में राहत, पर रात में बढ़ी ठिठुरन

हालांकि, दिन चढ़ने के साथ ही राज्य के 31 जिलों में अधिकतम तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पछुआ हवा थोड़ी कमजोर पड़ी है, जिससे दिन में हल्की राहत महसूस की गई. लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि यह राहत ज्यादा देर की नहीं है, रात और सुबह के वक्त कड़ाके की ठंड और ठिठुरन अभी जारी रहेगी. IMD के मुताबिक, अगले दो दिनों तक बिहार के तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने के आसार नहीं हैं. न्यूनतम तापमान 9 से 11 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 23 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच बने रहने का अनुमान है. बक्सर जैसे जिलों में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री तक पहुंच गया है, जिससे रात में सड़कों पर सन्नाटा पसरने लगा है.

रफ्तार पर लगा ब्रेक, बढ़ी लोगों की परेशानी

घने कोहरे का सबसे ज्यादा असर सुबह के वक्त सड़कों पर देखने को मिला. गाड़ियां हेडलाइट जलाकर और इंडिकेटर का सहारा लेकर रेंगती हुई नजर आईं. सबसे ज़्यादा परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों को हुई. स्कूल बस के ड्राइवरों को बेहद सावधानी से धीमी गति से गाड़ियां चलानी पड़ीं. वहीं, सुबह ऑफिस जाने वाले लोगों को भी कोहरे के कारण समय पर पहुंचने का तनाव झेलना पड़ा.

किसानों के लिए 'वरदान' है यह मौसम

एक तरफ जहां आम लोग ठंड और कोहरे से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर किसानों के चेहरे पर इस मौसम ने खुशी ला दी है. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, सुबह का कोहरा और हल्की ठंड गेहूं की फसल के लिए 'वरदान' की तरह है. इससे फसल की पैदावार अच्छी होती है.

प्रशासन की व्यवस्थाओं पर उठे सवाल

बक्सर जैसे शहरों में रात के वक्त बढ़ती ठंड के बावजूद, प्रशासनिक स्तर पर अभी तक चौक-चौराहों पर अलाव जैसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इससे रिक्शा चालकों और रात में सफर करने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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