Emotional Wellness : क्या आप भी अपनी खुशी के दुश्मन खुद बने बैठे हैं? ये 3 बुरी आदतें छोड़ दीं, तो ज़िंदगी जन्नत बन जाएगी

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News India Live, Digital Desk : हम सब दिन-रात एक ही चीज़ की तलाश में भाग रहे हैं और वो है 'खुशी' (Happiness)। हम सोचते हैं कि नया फोन ले लेंगे तो खुश हो जाएंगे, प्रमोशन मिल जाएगा तो मजा आ जाएगा। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि जब ये सब मिल भी जाता है, तो हमारी खुशी बस कुछ पलों की होती है।

आखिर ऐसा क्यों है? क्या कभी सोचा है कि हम दुखी क्यों रहते हैं? मनोवैज्ञानिक और बड़े-बड़े विद्वान मानते हैं कि हमारी 'नाखुशी' के जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि हम खुद हैं। हम अनजाने में रोज़ 3 ऐसी गलतियां करते हैं जो हमारी हंसी छीन रही हैं।

आइये, आज बिल्कुल दोस्त की तरह बैठकर बात करते हैं कि वो कौन सी तीन बुरी आदतें हैं जिन्हें अगर आपने आज छोड़ दिया, तो कल से ही सुकून महसूस होने लगेगा।

1. दूसरों से तुलना करना (Comparison): 'शर्मा जी का बेटा' सिंड्रोम

यह हम सबकी सबसे बड़ी बीमारी है। "अरे, उसकी गाड़ी मेरी गाड़ी से बड़ी क्यों?", "उसकी फोटो पर इतने लाइक और मेरी पर कम क्यों?"
सच कड़वा है, लेकिन मान लीजिये— तुलना (Comparison) खुशी की हत्या कर देती है।
जब आप अपनी ज़िन्दगी की तुलना किसी और की सोशल मीडिया रील से करते हैं, तो आप अपनी खूबियों को देखना बंद कर देते हैं। याद रखिये, हर किसी की कहानी अलग है। सूरज और चाँद की कोई तुलना नहीं है, दोनों अपने-अपने वक्त पर चमकते हैं। अपनी रेस पर ध्यान दें, दूसरों की नहीं।

2. मन में ईर्ष्या या जलन पालना (Jealousy)

"वो आगे कैसे बढ़ गया?" अगर यह सोच आपके मन में भी आती है, तो यकीन मानिये, नुकसान सामने वाले का नहीं, आपका हो रहा है।
जलन एक ऐसे कोयले की तरह है जिसे आप किसी और पर फेंकने के लिए हाथ में उठाते तो हैं, लेकिन जलता आपका अपना ही हाथ है। जो लोग दूसरों की सफलता देख कर जलते हैं या अंदर ही अंदर कुढ़ते हैं, वे कभी चैन से नहीं सो पाते। अगर कोई आगे बढ़ा है, तो उसे बधाई दीजिये, देखिएगा आपका दिल कितना हल्का महसूस करेगा।

3. हर बात की शिकायत करना (Always Complaining)

क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो खाने में नमक कम होने पर, बस लेट होने पर या मौसम खराब होने पर तुरंत चिढ़ जाते हैं?
जो लोग हमेशा "कमी" निकालते हैं, वो कभी "खूबियों" का मज़ा नहीं ले पाते। इसे 'Negative Mindset' कहते हैं। अगर आप हमेशा यही देखेंगे कि मेरे पास क्या नहीं है, तो जो है उसका सुख भी नहीं भोग पाएंगे। शिकायत छोड़िये और 'शुक्रगुजार' (Gratitude) बनना सीखिये। जिसने जो दिया, उसमें खुश रहना ही असली अमीरी है।

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