Saphala Ekadashi : साल खत्म होने से पहले किस्मत चमकाने का बड़ा मौका, नोट कर लें सही समय और नियम
News India Live, Digital Desk : आज 14 दिसंबर (रविवार) है, और कल यानी 15 दिसंबर 2025, सोमवार का दिन आपके लिए बेहद खास होने वाला है। अगर आप लंबे समय से किसी काम में सफल होने की कोशिश कर रहे हैं और बात नहीं बन रही, तो समझ लीजिए कि 'सफला एकादशी' का यह व्रत आप ही के लिए आया है।
जैसा कि नाम से ही साफ है 'सफला' यानी हर काम में सफलता देने वाली। पौष माह की इस कृष्ण पक्ष एकादशी को शास्त्रों में बड़ा चमत्कारी माना गया है। तो चलिए, बिना वक्त बर्बाद किए जानते हैं कि कल आपको क्या करना है और कब व्रत खोलना है, बिल्कुल आसान भाषा में।
तारीख को लेकर कोई कन्फ्यूजन न रखें
इस बार तारीख एकदम साफ है। गृहस्थ (आम परिवार वाले) और वैष्णव जन, सभी के लिए सफला एकादशी का व्रत कल, सोमवार (15 दिसंबर 2025) को ही रखा जाएगा। इसलिए इधर-उधर की बातों में न आएं और कल सुबह पूजा की तैयारी करें।
क्यों खास है यह दिन?
धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति सफला एकादशी के दिन सच्चे मन से भगवान नारायण (विष्णु जी) की पूजा करता है, उसके जीवन की असफलताएं खत्म होने लगती हैं। कहते हैं कि 5000 साल तपस्या करने का जो फल मिलता है, वही फल इस एक दिन की श्रद्धा से मिल जाता है।
पूजा का "शॉर्टकट" नहीं, श्रद्धा चाहिए
अगर आप कल व्रत रख रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें:
- चावल से तौबा: कल के दिन चावल (Rice) बनाना तो दूर, घर में किसी को खाने भी न दें। शास्त्रों में एकादशी पर चावल खाना सख्त मना है।
- पीली चीजों का भोग: विष्णु जी को पीला रंग बहुत पसंद है। कल पूजा में केले, बेसन के लड्डू या पीले फूल जरूर चढ़ाएं।
- तुलसी के बिना पूजा अधूरी: भगवान विष्णु को भोग लगाते समय 'तुलसी दल' जरूर रखें, वरना भोग स्वीकार नहीं होता। (ध्यान रहे: तुलसी के पत्ते आज 14 तारीख को ही तोड़कर रख लें, एकादशी के दिन तुलसी नहीं तोड़ी जाती)।
- आज शाम से ही तैयारी: नियमों के मुताबिक, एकादशी का व्रत दशमी (यानी आज) की शाम से ही शुरू हो जाता है। आज रात को हल्का खाना खाएं और दातून करके सोएं ताकि कल मुंह जूठा न रहे।
व्रत खोलने का सही समय (Parana Time)
याद रखिएगा, व्रत रखना जितना जरूरी है, उसे सही मुहूर्त में खोलना उससे भी ज्यादा अहम है। अगर आपने गलत समय पर खाना खा लिया, तो व्रत खंडित माना जाता है।
- व्रत का दिन: 15 दिसंबर 2025 (सोमवार)
- व्रत खोलने (पारण) का समय:16 दिसंबर (मंगलवार) की सुबह 07:07 बजे से 09:11 बजे तक।
आपको इसी 2 घंटे के बीच अपना व्रत खोलना है। व्रत किसी सात्विक फल या तुलसी वाले जल से खोलना सबसे शुभ माना जाता है।
अगर व्रत न रख पाएं तो?
भागदौड़ भरी जिंदगी में कई बार व्रत रखना संभव नहीं होता। अगर आप भूखे नहीं रह सकते, तो भी चिंता न करें। बस कल के दिन झूठ न बोलें, किसी की बुराई न करें, और घर में सात्विक भोजन (बिना प्याज-लहसुन) खाएं। साथ ही, मन ही मन "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करते रहें। प्रभु तो भाव के भूखे हैं!
तो तैयार हो जाइये कल के इस पावन दिन के लिए। आपकी हर मनोकामना पूरी हो, यही कामना है।
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