Kolkata Kali Mandir : कोलकाता के काली मंदिर से आएगी वो आवाज, जिसे सुनकर कांप जाएगी दुनिया?
News India Live, Digital Desk : आजकल सोशल मीडिया और इंटरनेट पर 'भविष्य मालिका' (Bhavishya Malika) की चर्चा जोरों पर है। 600 साल पहले उड़ीसा के महान संत अच्युतानंद दास जी ने ताड़ के पत्तों पर भविष्य के बारे में कुछ ऐसी बातें लिखी थीं, जो आज के समय में हकीकत के बेहद करीब लगती हैं। लेकिन, इन भविष्यवाणियों में एक पन्ना ऐसा है जिसका जिक्र होते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह जुड़ा है कोलकाता (Kolkata) और वहां विराजने वालीं माँ काली से।
कहा जा रहा है कि कलयुग के अंतिम चरण में कोलकाता के प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर या कालीघाट (जिसका सटीक वर्णन समय के गर्भ में है) मंदिर में कुछ ऐसा होगा, जो महाविनाश का सिग्नल होगा। आइए, जानते हैं क्या लिखा है उस भविष्यवाणी में।
कोलकाता के मंदिर से आएगी "भयानक चीख"
भविष्य मालिका के जानकारों के अनुसार, कलयुग के अंत के समय पाप का घड़ा इतना भर जाएगा कि देवी-देवता भी उसे सहन नहीं कर पाएंगे। भविष्यवाणी कहती है कि एक दिन कोलकाता के काली मंदिर से एक तेज चीख (Scream/Shriek) या हुंकार सुनाई देगी।
यह कोई साधारण आवाज नहीं होगी। लिखा गया है कि यह आवाज इतनी डरावनी और तीव्र होगी कि मंदिर के आसपास मौजूद लोग इसे बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। कई लोग डर के मारे बेहोश हो जाएंगे, तो कई लोग अपनी जान गंवा बैठेंगे। यह हुंकार इस बात का ऐलान होगी कि धरती पर अब अधर्म सहने की सीमा पार हो चुकी है और "सफाई" (विनाश और नवनिर्माण) का वक्त आ गया है।
क्या यह कलयुग के अंत की शुरुआत है?
संत अच्युतानंद दास जी ने लिखा था कि जब इंसान, इंसान को मार काट रहा होगा, प्रकृति अपने रास्ते बदल लेगी, और मंदिरों से ईश्वर के रूठने के संकेत मिलेंगे, तब समझना चाहिए कि युग परिवर्तन का समय आ गया है। कोलकाता वाली घटना को 'कल्कि अवतार' (Kalki Avatar) के आगमन और दुष्टों के संहार से जोड़कर देखा जा रहा है।
लोगों को क्या करना चाहिए?
ये बातें सुनने में किसी डरावनी फिल्म की तरह लग सकती हैं, लेकिन जो लोग भविष्य मालिका पर विश्वास करते हैं, वे इसे एक 'चेतावनी' मानते हैं। इसमें डरने से ज्यादा 'सुधरने' की सलाह दी गई है।
संत अच्युतानंद दास ने साफ़ कहा था कि जब ऐसे भयानक समय आएंगे, तब कोई परमाणु हथियार या धन-दौलत काम नहीं आएगी। उस वक्त सिर्फ "नाम संकीर्तन" और "सत्य" का साथ देने वाले ही बचेंगे। उनका संदेश था—शाकाहारी बनो, जीव हत्या बंद करो और ईश्वर की शरण में रहो।
विज्ञान क्या कहता है?
जाहिर है, विज्ञान ऐसी किसी भी भविष्यवाणी को नहीं मानता। तर्क यह भी दिया जा सकता है कि यह सिर्फ लोगों को डराने या धर्म की तरफ लाने का एक तरीका हो सकता है। लेकिन जिस तरह से दुनिया भर में महामारियां, युद्ध और प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं, उसे देखकर कई बार लोग सोचने लगते हैं कि क्या पुराने संतों को पहले से कुछ आभास था?
कोलकाता की वो 'चीख' कब सुनाई देगी या सुनाई देगी भी या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि 'भविष्य मालिका' की इन बातों ने लोगों के मन में एक जिज्ञासा और सिहरन जरूर पैदा कर दी है।
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