Pollution Update : आँखों में जलन और सांस में भारीपन? वजह है दिल्ली का ये खतरनाक एक्यूआई लेवल
News India Live, Digital Desk : अगर आज सुबह आप दिल्ली में सोकर उठे हैं और आपको अपनी आँखों में थोड़ी जलन या गले में खराश महसूस हो रही है, तो आप अकेले नहीं हैं। राजधानी का मौसम फिर से 'धोखेबाज' हो गया है। एक तरफ जहां ठंड धीरे-धीरे बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण (Pollution) ने फिर से अपना 'खौफनाक' रूप दिखाना शुरू कर दिया है।
ताज़ा खबर यह है कि दिल्ली की आबोहवा फिर से 'गंभीर' (Severe) स्थिति की दहलीज पर आकर खड़ी हो गई है। सांस लेना एक बार फिर से किसी चुनौती से कम नहीं लग रहा।
आंकड़े डराने वाले हैं!
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली का ओवरऑल एक्यूआई (Air Quality Index) छलांग लगाकर 387 पर पहुंच गया है। आम भाषा में समझें तो यह "बहुत खराब" (Very Poor) श्रेणी का सबसे ऊपरी लेवल है। बस थोड़ी सी कसर बाकी है और यह "गंभीर" (Severe - 400+) कैटेगरी में चला जाएगा, जहां हवा स्वस्थ इंसान को भी बीमार बना देती है।
लेकिन रुकिए, डराने वाली बात सिर्फ 387 का आंकड़ा नहीं है। असली चिंता की बात यह है कि दिल्ली के कई इलाके अभी से ही 'रेड जोन' में चले गए हैं।
इन 18 इलाकों में स्थिति बेहद नाजुक
अगर आप सोच रहे हैं कि यह पूरे शहर का औसत है, तो जरा संभल जाएं। दिल्ली के करीब 18 इलाक़े ऐसे हैं जहाँ एक्यूआई 400 के पार जा चुका है। यानी वहां की हवा 'जहरीली' हो चुकी है। आनंद विहार, बवाना, मुंडका और वजीरपुर जैसे इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए यह वक्त काफी एहतियात बरतने का है। वहां जो धुंध (Smog) छाई है, वह कोहरा नहीं बल्कि पॉल्यूशन की चादर है।
ऐसा क्यों हो रहा है अचानक?
हम सब जानते हैं कि जैसे-जैसे पारा गिरता है और हवा की रफ़्तार धीमी होती है, प्रदूषण के कण जमीन के पास ही जमा होने लगते हैं। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में हवा की गति शांत है, जिसकी वजह से धूल और धुएं को उड़ने का मौका नहीं मिल रहा। नतीजा हम सबके सामने है—ग्रे आसमान और भारी हवा।
आपके लिए जरूरी सलाह (Health Tip)
डॉक्टरों की मानें तो जब एक्यूआई इस स्तर पर पहुँचता है, तो मॉर्निंग वॉक (Morning Walk) फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है। खासकर अगर आपके घर में बुजुर्ग हैं, बच्चे हैं, या किसी को अस्थमा की दिक्कत है, तो उन्हें सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से बचना चाहिए।
भले ही कोविड चला गया हो, लेकिन अपना N95 मास्क फिर से बाहर निकालने का समय आ गया है। यह सिर्फ डराने के लिए नहीं, बल्कि आपके फेफड़ों को बचाने के लिए जरुरी है।
प्रशासन कभी भी GRAP (Graded Response Action Plan) के अगले चरणों को लागू कर सकता है, जिसका मतलब है कुछ और पाबंदियां। इसलिए, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और बेवजह बाहर घूमने से बचें। आखिर, जान है तो जहान है!
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