शिवलिंग पर जल तो सब चढ़ाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इन 3 पवित्र जगहों को छूने का सही तरीका और फल?

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News India Live, Digital Desk : जब भी कुंडली में 'मांगलिक दोष' (Manglik Dosh) की बात आती है, तो बहुत से लोग डर जाते हैं। मन में शादी की चिंता, बनते काम बिगड़ने का डर या वैवाहिक जीवन में अनबन की आशंका होने लगती है। ज्योतिष शास्त्र में वैसे तो इसके कई उपाय बताए गए हैं, लेकिन महादेव की भक्ति को सबसे ऊपर माना गया है।

हम सभी शिव मंदिर जाते हैं और शिवलिंग पर जल भी चढ़ाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग के पास ही पूरा शिव परिवार विराजमान होता है? अभिषेक के दौरान अगर आप शिवलिंग की कुछ खास जगहों का सही तरह से स्पर्श करते हैं, तो मांगलिक दोष के नकारात्मक प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

शिवलिंग पर कहाँ छिपा है पूरा परिवार?
अक्सर लोग सिर्फ शिवलिंग के ऊपरी हिस्से पर जल चढ़ाकर चले आते हैं, लेकिन जिस जलाधारी (Jalhari) पर शिवलिंग रखा होता है, वह बहुत महत्वपूर्ण है।

  1. जलाधारी का दायां हिस्सा (भगवान कार्तिकेय): शिवलिंग की जलहरी के दाएं (Right) हिस्से को भगवान कार्तिकेय का स्थान माना जाता है। मांगलिक दोष को कम करने के लिए अभिषेक करते समय इस हिस्से को कोमलता से स्पर्श करना बहुत शुभ होता है, क्योंकि कार्तिकेय जी साहस और मंगलकारी ऊर्जा के प्रतीक हैं।
  2. जलाधारी का बायां हिस्सा (भगवान गणेश): जलहरी के बाएं (Left) भाग में भगवान गणेश का निवास होता है। वे रिद्धि-सिद्धि के दाता हैं। यहाँ स्पर्श करने से शादी-ब्याह के कामों में आने वाली अड़चनें दूर होती हैं।
  3. जलहरी के बीच की उभरी हुई रेखा (माता अशोक सुंदरी): ये वो हिस्सा है जिसे लोग अक्सर अनदेखा कर देते हैं। जलहरी के बिल्कुल बीच में जो मोटी सी रेखा बनी होती है, वो शिव की पुत्री माता अशोक सुंदरी का स्थान है। वैवाहिक सुख और मनोकामना पूर्ति के लिए अभिषेक के समय यहाँ उंगलियों से स्पर्श करना और प्रार्थना करना विशेष लाभकारी माना जाता है।

अभिषेक करते समय ध्यान रखने वाली छोटी मगर काम की बात
अगर आप मांगलिक दोष की शांति के लिए पूजा कर रहे हैं, तो कोशिश करें कि जलाभिषेक के दौरान महादेव को कुमकुम या सिंदूर की जगह चंदन अर्पित करें। चंदन की ठंडक मंगल ग्रह की 'ऊष्णता' (Garmi) को शांत करने में मदद करती है।

जब आप इन 3 खास जगहों पर अपनी अनामिका (Ring finger) से स्पर्श करते हैं, तो आपके मन के भीतर की घबराहट शांत होती है और आपको एक आध्यात्मिक शक्ति का अहसास होता है।

भरोसा ही सबसे बड़ा उपाय है
उपाय चाहे कोई भी हो, सबसे ज़रूरी है आपका विश्वास। महादेव तो बहुत भोले हैं, वो आपकी विधि से ज़्यादा आपके 'भाव' देखते हैं। अगर आप सच्चे दिल से मंदिर में कुछ पल शांति से बैठकर महादेव से अपनी मुश्किलें साझा करते हैं, तो यकीनन वो मंगल के अशुभ प्रभावों को मंगलमय आशीर्वाद में बदल देते हैं।

तो अगली बार जब मंदिर जाएं, तो हड़बड़ी में नहीं, बल्कि पूरे सम्मान और शांति के साथ भगवान शिव और उनके परिवार का आशीर्वाद लें।

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