हर बात पर गुस्सा और बेवजह के झगड़े? कहीं आपकी कुंडली का मंगल तो नहीं खेल रहा ये खेल?

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News India Live, Digital Desk : क्या आपके साथ कभी ऐसा होता है कि आप बात तो बहुत सीधी कहना चाहते हैं, लेकिन मुँह से अचानक कड़वे शब्द निकल जाते हैं? या फिर आप बहुत ऊर्जावान महसूस करते हैं लेकिन वह ऊर्जा काम बनने के बजाय दूसरों से उलझने में खत्म हो जाती है? ज्योतिष शास्त्र में इन स्थितियों का सीधा संबंध 'मंगल' (Mars) ग्रह से माना गया है।

मंगल को ग्रहों का 'सेनापति' कहा जाता है। जैसे एक अनुशासित सेनापति जीत दिलाता है, वैसे ही अच्छा मंगल साहस और सफलता देता है। लेकिन जब यही मंगल 'खराब' या कमजोर होता है, तो यह हमारे स्वभाव में चिड़चिड़ापन और जीवन में रुकावटें पैदा करने लगता है।

कैसे पहचानें कि मंगल खराब है?
अक्सर हम अपनी छोटी-मोटी समस्याओं को अनदेखा कर देते हैं, लेकिन ज्योतिष की मानें तो ये खराब मंगल के शुरुआती संकेत हो सकते हैं:

  • बात-बात पर गुस्सा: बिना किसी बड़ी वजह के तेज गुस्सा आना और फिर बाद में पछतावा होना।
  • अपनों से तकरार: विशेष रूप से छोटे भाई-बहनों या करीबी दोस्तों के साथ आए दिन मनमुटाव रहना।
  • क़र्ज़ और ज़मीन के मसले: अगर आप कर्ज के जाल में फंसे हुए हैं या प्रॉपर्टी से जुड़े कामों में बेवजह अड़चनें आ रही हैं, तो यह मंगल के अशुभ होने का लक्षण है।
  • चोट और रक्त की समस्या: शरीर में बार-बार खून से जुड़ी परेशानी या फिर बार-बार छोटी-मोटी चोटें लगना।

मंगल को 'शांत' करने के सरल तरीके
अच्छी खबर यह है कि मंगल को ठीक करने के लिए आपको बहुत जटिल कर्मकांड करने की ज़रूरत नहीं है। आप अपनी रोज़मर्रा की आदतों में कुछ छोटे बदलाव करके इसे संतुलित कर सकते हैं:

  1. हनुमान जी की शरण: मंगल देव के अधिष्ठाता हनुमान जी माने जाते हैं। मंगलवार के दिन सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करना सबसे प्रभावी उपाय है। इससे आपके भीतर का मानसिक तनाव कम होता है और नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है।
  2. शहद और मीठा: मंगलवार की सुबह खाली पेट थोड़ा सा शहद चाटना मंगल के बुरे असर को कम करता है। इसके अलावा, मजदूरों या गरीबों को गुड़ का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
  3. स्वभाव में नरमी: चूँकि मंगल साहस का प्रतीक है, इसलिए इसे सुधारने का सबसे बेहतर तरीका है कि आप अपने छोटे भाइयों की मदद करें। उनसे रिश्ते मधुर रखें और क्रोध के क्षणों में मौन रहने का अभ्यास करें।
  4. तांबे का प्रयोग: तांबा मंगल की धातु है। हाथ में तांबे का कड़ा पहनना या तांबे के पात्र से जल पीना शरीर की ऊर्जा को सकारात्मक रूप से संतुलित करता है।

मंगल का खेल: संयम ही समाधान है
कुंडली के ग्रह केवल हमें इशारा देते हैं, लेकिन उसे ठीक करना हमारे हाथ में होता है। अगर आप अपने 'गुस्से' पर लगाम लगाना सीख लें और अपनी ऊर्जा का उपयोग किसी रचनात्मक काम या स्पोर्ट्स में करें, तो यही खराब मंगल आपको समाज में सम्मान दिला सकता है।

याद रखिए, मंगल 'मंगल' करने के लिए होता है, डराने के लिए नहीं। बस थोड़े से सुधार और सही भक्ति से आप अपने जीवन की उथल-पुथल को थाम सकते हैं।

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