Enemies of stomach health: आपकी ये आदतें धीरे धीरे आंतों को कर रही हैं खोखला

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News India Live, Digital Desk: Enemies of stomach health:  क्या आप जानते हैं कि हमारी सेहत की नींव हमारी आंतें ही होती हैं? एक स्वस्थ पाचन तंत्र पूरे शरीर के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आपकी आंतें ठीक से काम नहीं कर रही हैं, तो यह सीधे तौर पर आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर असर डाल सकता है, जिससे कब्ज, गैस, अपच, और यहाँ तक कि त्वचा संबंधी समस्याएं और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता जैसी परेशानियां हो सकती हैं। कई बार हमारी कुछ दैनिक आदतें, जिनके बारे में हम ज्यादा सोचते नहीं, चुपचाप हमारी आंतों को भीतर से कमज़ोर कर रही होती हैं। आइए, जानें ऐसी ही कुछ आम आदतें जो आपकी आंतों के लिए साइलेंट किलर का काम कर सकती हैं:

1. पानी का कम सेवन करना

यह शायद सबसे आम लेकिन सबसे बड़ी गलती है। पर्याप्त पानी न पीने से पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है। पानी हमारी आंतों में भोजन को आसानी से आगे बढ़ाने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने और अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने के लिए बेहद ज़रूरी है। जब हम कम पानी पीते हैं, तो मल कठोर हो जाता है, जिससे कब्ज की समस्या बढ़ती है और अपशिष्ट पदार्थ लंबे समय तक आंतों में रुके रहते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक है।

2. फाइबर युक्त भोजन से परहेज

फाइबर हमारे पाचन तंत्र का एक अभिन्न अंग है। यह दो प्रकार का होता है घुलनशील और अघुलनशील, और दोनों ही स्वस्थ आंतों के लिए ज़रूरी हैं। घुलनशील फाइबर मल को नरम करता है, जबकि अघुलनशील फाइबर मल को भारी कर उसे आसानी से बाहर निकालने में मदद करता है। पर्याप्त फाइबर के बिना, आंतों की गति धीमी हो जाती है, जिससे कब्ज, बवासीर और आंतों की अन्य बीमारियाँ पैदा हो सकती हैं। दालें, फल, सब्जियां और साबुत अनाज फाइबर के बेहतरीन स्रोत हैं।

3. खाने-पीने का अनियमित समय

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर खाने का कोई निश्चित समय नहीं रखते, या कभी-कभी तो पूरा भोजन ही छोड़ देते हैं। यह अनियमितता हमारी आंतों के प्राकृतिक कार्यप्रणाली को बाधित करती है। हमारी आंतें एक घड़ी के अनुसार काम करती हैं। जब हम खाने का समय बिगाड़ते हैं, तो पेट में एसिड का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे अपच, गैस, सूजन और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

4. शौच के आग्रह को नज़रअंदाज़ करना

कई बार काम या अन्य व्यस्तताओं के चलते हम शौच के लिए महसूस हुए आग्रह को नज़रअंदाज़ कर देते हैं या टाल देते हैं। यह आदत धीरे-धीरे हमारी आंतों की मांसपेशियों को कमज़ोर कर देती है और उनकी संवेदनशीलता कम कर देती है। मल के अधिक समय तक आंतों में रुकने से वह सूख जाता है, जिससे कब्ज की समस्या और भी गंभीर हो जाती है। इसके अलावा, अपशिष्ट पदार्थों का लंबे समय तक शरीर में रहना टॉक्सिन्स को वापस खून में घुलने का मौका देता है, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है।

5. एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक और अनावश्यक उपयोग

एंटीबायोटिक्स निस्संदेह कई गंभीर बीमारियों के इलाज में वरदान हैं। लेकिन इनका अंधाधुंध या अनावश्यक उपयोग हमारी आंतों के सूक्ष्मजीवों माइक्रोबायोम के संतुलन को बिगाड़ देता है। एंटीबायोटिक्स सिर्फ हानिकारक बैक्टीरिया को ही नहीं, बल्कि आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को भी मार देते हैं। ये अच्छे बैक्टीरिया हमारे पाचन, पोषक तत्वों के अवशोषण और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। आंतों में बैक्टीरिया के संतुलन बिगड़ने से पाचन संबंधी समस्याएं, पोषण की कमी और लंबे समय तक संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

इन आदतों को पहचानकर और उन्हें सुधारकर आप अपनी आंतों को स्वस्थ रख सकते हैं। नियमित पानी पिएं, फाइबर युक्त आहार लें, समय पर भोजन करें, शरीर के संकेतों पर ध्यान दें, और एंटीबायोटिक्स का उपयोग केवल डॉक्टरी सलाह पर ही करें। याद रखें, स्वस्थ आंतें ही स्वस्थ और खुशहाल जीवन की कुंजी हैं।

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