दिल्ली की एक और सुबह, जब सांसों में जहर घुला था... GRAP-4 के सारे नियम फेल?

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आज सुबह जब दिल्ली-एनसीआर वालों की आंख खुली, तो उन्हें साफ आसमान नहीं, बल्कि धुंध और जहरीले धुएं की एक मोटी चादर देखने को मिली। ऐसा लगा मानो पूरा शहर किसी 'गैस चैंबर' में तब्दील हो गया हो, जहां सांस लेना भी एक सजा है। सड़कों पर गाड़ियां रेंग रही थीं, क्योंकि घना कोहरा और स्मॉग मिलकर देखने की क्षमता को लगभग खत्म कर चुके थे।

आंकड़ों की बात करें तो, आज सुबह राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 370 दर्ज किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है। यह सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि इस बात का सबूत है कि हम और हमारे बच्चे हर पल कैसी जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं।

जब सारे नियम-कानून बेअसर हो जाएं

सबसे ज्यादा चिंता और हैरानी की बात तो यह है कि प्रदूषण से लड़ने के लिए सरकार के सबसे कड़े नियम यानी GRAP का चौथा चरण (GRAP-4) भी लागू है। इसके बावजूद हालात सुधरने के बजाय बिगड़ते जा रहे हैं। अधिकारी भी हैरान हैं कि जब सब कुछ बंद है, तो यह प्रदूषण आखिर कम क्यों नहीं हो रहा? यह सवाल आज हर दिल्लीवासी के मन में है।

इन इलाकों में तो सांस लेना भी मुश्किल

यूं तो पूरी दिल्ली का हाल बेहाल है, लेकिन 40 में से 26 इलाके ऐसे हैं जहां हवा 'गंभीर' यानी 'रेड जोन' में है। इन इलाकों में रहना मतलब सीधे-सीधे अपनी सेहत से खिलवाड़ करना है। सबसे बुरा हाल इन जगहों का है:

  • नेहरू नगर: AQI 465
  • मुंडका: AQI 457
  • चांदनी चौक: AQI 453
  • ओखला: AQI 452
  • जहांगीरपुरी: AQI 450
  • आरके पुरम: AQI 443
  • विवेक विहार: AQI 446

AQI का मीटर क्या कहता है?

  • 0-50: अच्छा (साफ हवा)
  • 51-100: संतोषजनक (ठीक-ठाक)
  • 201-300: खराब
  • 301-400: बहुत खराब
  • 401-500: गंभीर (सेहत के लिए खतरनाक)

यह कोई एक-दो दिन की बात नहीं है। यह पूरा दिसंबर का महीना दिल्ली वालों के लिए सांसों का इम्तिहान ले रहा है। बीच में सिर्फ दो दिन की राहत को छोड़ दें, तो 11 दिसंबर से दिल्ली लगातार 'रेड जोन' में है, और हम सब इस जहरीली हवा को झेलने के लिए मजबूर हैं।

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