JMM BJP गठबंधन की चर्चा पर फिरा पानी? हेमंत सोरेन के दिल्ली दौरे का असली सच जानकर चौंक जाएंगे आप

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News India Live, Digital Desk : पिछले 24 घंटों से झारखंड से लेकर दिल्ली तक बस एक ही शोर था"क्या हेमंत सोरेन पाला बदलने वाले हैं?" हवा में यह बात तैर रही थी कि मुख्यमंत्री Hemant Soren और उनकी पत्नी Kalpana Soren अचानक दिल्ली इसलिए गए हैं ताकि Amit Shah और बीजेपी के बड़े नेताओं से 'सीक्रेट डील' की जा सके।

बाजार गर्म था कि बिहार चुनाव में अनदेखी से नाराज़ होकर JMM अब NDA (BJP) के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही है। लेकिन, अब इस पूरे ड्रामे से पर्दा उठ गया है। हेमंत सोरेन के दिल्ली दौरे की असली वजह और एक ख़ास मुलाकात ने इन सारी अटकलों पर 'फुल स्टॉप' लगा दिया है।

आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर दिल्ली में हुआ क्या और गठबंधन की अफवाहें कैसे फुस्स हो गईं।

अमित शाह से नहीं, 'गवर्नर साहब' से मिलने गए थे!

सोशल मीडिया पर चर्चा थी कि सोरेन दंपति गृह मंत्री अमित शाह से मिलने गए हैं। लेकिन हकीकत कुछ और निकली। दिल्ली पहुंचकर हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने झारखंड के राज्यपाल Santosh Gangwar से मुलाकात की।

यह मुलाकात झारखंड भवन में हुई और खबरों की मानें तो यह पूरी तरह से एक 'शिष्टाचार भेंट' (Courtesy Meeting) थी। बताया जा रहा है कि एक पारिवारिक समारोह (शादी-ब्याह) का न्योता देने या किसी औपचारिक वजह से यह मुलाकात हुई थी। इसके सियासी मायने निकालना जल्दबाजी थी।

गठबंधन की चर्चाओं को कैसे लगा झटका?

जो लोग उम्मीद लगाए बैठे थे कि आज JMM-BJP की नई सरकार का ऐलान हो जाएगा, उनके हाथ निराशा लगी है। इसकी कुछ बड़ी वजहें हैं:

  1. हेमंत का कड़ा रुख: दिल्ली एयरपोर्ट पर जब पत्रकारों ने हेमंत सोरेन से पूछा, तो उनकी बॉडी लैंग्वेज बहुत रिलैक्स थी। उनकी पार्टी के नेताओं ने साफ़ कर दिया है कि "झारखंड झुकेगा नहीं" और इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) पूरी तरह एकजुट है।
  2. जेएलकेएम का पैंतरा: बीच में जयराम महतो का बयान आया कि JMM को BJP के साथ जाना चाहिए, लेकिन हेमंत सोरेन ने इस सलाह पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने साफ़ संकेत दिया कि वह कांग्रेस और अपने पुराने साथियों को छोड़कर कहीं नहीं जा रहे।
  3. बैठकों का दौर नहीं चला: अगर सरकार बदलने वाली होती, तो अमित शाह या जेपी नड्डा के साथ लंबी मैराथन बैठकें होतीं। लेकिन हेमंत सोरेन अपना काम निपटाकर रिलैक्स मूड में दिखे।

क्यों उड़ी थी अफवाह?

आप सोच रहे होंगे कि आग के बिना धुआं नहीं उठता। तो अफवाह उड़ी क्यों?
असल में, बिहार विधानसभा चुनाव में JMM को एक भी सीट नहीं दी गई, जिससे सोरेन परिवार थोड़ा खफा था। बस इसी नाराजगी को आधार बनाकर सियासी पंडितों ने भविष्यवाणी कर दी कि "हेमंत बीजेपी के साथ जा रहे हैं।"

लेकिन राजनीति में 'नाराजगी' का मतलब हमेशा 'ब्रेकअप' नहीं होता। यह सिर्फ प्रेशर पॉलिटिक्स थी।

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