हरिद्वार में करण देओल दादा धर्मेंद्र का फर्ज निभाते नजर आए पोते, तीर्थ पुरोहित ने बताई पिंडदान की कहानी

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News India Live, Digital Desk: हम सब जानते हैं कि बॉलीवुड का Deol Family अपनी सादगी और जमीनी जुड़ाव (Down to Earth Nature) के लिए जाना जाता है। चाहे वो 'ही-मैन' Dharmendra हों या उनके बेटे सनी देओल। ये लोग रील लाइफ में जितने बड़े स्टार हैं, रियल लाइफ में उतनी ही अपनी परंपराओं और संस्कारों को मानने वाले हैं।

हाल ही में, हरिद्वार (Haridwar) के गंगा घाट से कुछ ऐसी तस्वीरें और खबरें सामने आई हैं, जिन्होंने फैंस का दिल छू लिया है। धर्मेन्द्र के पोते और सनी देओल के बेटे, Karan Deol, गुपचुप तरीके से हरिद्वार पहुंचे और वहां अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए धार्मिक अनुष्ठान किया।

आइए, आपको बताते हैं कि गंगा किनारे आखिर हुआ क्या और तीर्थ पुरोहित ने क्या राज खोले।

दादा की जिम्मेदारी, पोते के कंधे पर

अक्सर बुढ़ापे में स्वास्थ्य कारणों से बुजुर्ग तीर्थ यात्रा पर नहीं जा पाते, तो घर की नई पीढ़ी यह ज़िम्मेदारी उठाती है। 89 साल के धर्मेंद्र पाजी भले ही मुंबई में हों, लेकिन उनका दिल हमेशा अपनी जड़ों और परम्पराओं में बसता है।

खबर है कि करण देओल ब्रह्मकुंड (Brahma Kund) पर पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करते दिखे। उन्होंने अपने पूर्वजों (Ancestors) का पिंडदान (Pind Daan) किया और अस्थि विसर्जन की रस्में भी निभाईं। एक आज्ञाकारी पोते की तरह करण ने वो सारा फर्ज निभाया, जो एक संस्कारी बेटे से उम्मीद की जाती है।

तीर्थ पुरोहित ने खोला बही-खाता

हरिद्वार में हर परिवार का एक 'तीर्थ पुरोहित' होता है, जिनके पास पीढ़ियों का लेखा-जोखा (Genealogy Records) होता है। वहां के पुजारी ने मीडिया को बताया कि करण देओल ने देओल परिवार की तरफ से अपने पूर्वजों का तर्पण किया।

पुरोहित जी ने बताया, "देओल परिवार अक्सर यहां आता रहता है। करण बहुत ही शांत स्वभाव के हैं। उन्होंने पूरी श्रद्धा के साथ अपने बड़े-बुजुर्गों को याद किया, उनका नाम बही-खाते में दर्ज करवाया और गंगा मैया से परिवार की सुख-शांति की दुआ मांगी।"

सादगी ने जीता लोगों का दिल

जहाँ आजकल स्टार्स अपनी ट्रिप्स को सोशल मीडिया पर शो-ऑफ करने के लिए इस्तेमाल करते हैं, वहीं करण देओल ने इस निजी और धार्मिक यात्रा को बिल्कुल लो-प्रोफाइल रखा। सफेद कुर्ते में, माथे पर तिलक लगाए और हाथ जोड़े करण की तस्वीरों ने यह साबित कर दिया कि देओल परिवार में बड़ों की इज्जत करना सबसे बड़ा धर्म माना जाता है।

भावुक हुए धर्मेंद्र के फैंस

जैसे ही यह खबर बाहर आई कि करण ने 'अस्थि विसर्जन' और पिंडदान जैसे गंभीर कार्य किये हैं, सोशल मीडिया पर लोग देओल परिवार के संस्कारों की तारीफ करने लगे। लोग कह रहे हैं"बेटा हो तो ऐसा, जो अपने दादा और पिता की विरासत को सही मायनों में आगे बढ़ाए।"

खैर, यह देखना सुखद है कि चकाचौंध वाली इस दुनिया में कुछ स्टार किड्स ऐसे भी हैं जो अपनी जड़ों और धर्म को नहीं भूले हैं।

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