Women injured : उत्तर प्रदेश के बहराइच में आवारा सांड का कहर बाजार में 2 महिलाएं गंभीर घायल व्यवस्था पर उठे सवाल
News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आज सुबह उस वक्त अचानक अफरा-तफरी और दहशत का माहौल मच गया, जब शहर के प्रमुख घंटाघर इलाके में खरीदारी करने निकली दो महिलाओं पर एक बेकाबू सांड ने हमला कर दिया। इस घटना में दोनों महिलाएं बुरी तरह से घायल हो गईं, जिनमें से एक की हालत काफी गंभीर बनी हुई है। इस ताज़ा घटना ने एक बार फिर प्रदेश में आवारा पशुओं, विशेषकर सांडों के खुले घूमने और उनसे होने वाले हादसों की गंभीर समस्या को उजागर कर दिया है।
प्रत्यक्षदर्शियों और मिली जानकारी के अनुसार, घंटाघर इलाके में अपनी रोजमर्रा की खरीदारी कर रही 45 वर्षीय किरण गुप्ता पर अचानक पीछे से सांड ने हमला बोल दिया। सांड के इस हमले से किरण गुप्ता बुरी तरह से जमीन पर गिर पड़ीं और उनके कॉलर बोन में गंभीर फ्रैक्चर आ गया, साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों पर भी चोटें आईं। इस दौरान सांड ने हमला जारी रखा, जिससे पास ही मौजूद श्याम कुमारी नामक एक और महिला को भी हल्की चोटें आईं। घटनास्थल पर तुरंत मौजूद लोगों की भीड़ ने जैसे-तैसे सांड को वहां से भगाया और घायलों को संभाला।
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों की मदद से घायल किरण गुप्ता को बहराइच के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। वहीं, श्याम कुमारी को हल्की चोटें होने के कारण प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
यह घटना इसलिए भी अधिक चिंताजनक है क्योंकि उत्तर प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में आवारा पशुओं, खासकर मालिकविहीन गोवंश की समस्या एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। बूचड़खानों पर प्रतिबंध के बाद यह समस्या और भी विकराल हो गई है, जहाँ ये पशु सड़कों, बाजारों और खेतों में खुले घूमते नजर आते हैं, जिससे यातायात बाधित होता है और आए दिन इस तरह के हमले या दुर्घटनाएं होती रहती हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इस संबंध में कई बार अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि आवारा पशुओं का प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए और उन्हें उचित गोशालाओं में रखा जाए, लेकिन जमीनी स्तर पर इन निर्देशों का प्रभावी पालन होता नहीं दिख रहा है।
बहराइच की इस घटना ने प्रशासन की लापरवाही और पशुधन प्रबंधन में व्याप्त खामियों पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। स्थानीय जनता और व्यापारी लंबे समय से इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं ताकि बाजार और सड़कें सुरक्षित रहें।
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