सफर में उल्टी क्यों आती है? कार यात्रा में मोशन सिकनेस का वैज्ञानिक कारण और बचने के उपाय
नई दिल्ली: कार, बस या जहाज में यात्रा करते समय अचानक जी मिचलाना या उल्टी आना एक आम अनुभव है, जिसे 'मोशन सिकनेस' कहा जाता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हमारी इंद्रियों से मिलने वाले संकेत हमारे दिमाग के लिए विरोधाभासी हो जाते हैं।
मोशन सिकनेस का मुख्य कारण:
संकेतों का टकराव: यात्रा के दौरान, हमारी आंखें कार के अंदर स्थिर चीजों को देखती हैं, जैसे कि कार की सीटें, खिड़की के शीशे या डैशबोर्ड। दूसरी ओर, हमारे कान के भीतर का वेस्टिबुलर सिस्टम (जो संतुलन और गति का पता लगाता है) कार की हर हलचल, जैसे आगे बढ़ना, मुड़ना, धीमा होना या गति पकड़ना, को महसूस करता है।
दिमाग में भ्रम: जब दिमाग को ये विपरीत संकेत मिलते हैं - यानी आंखें कह रही हैं कि कुछ नहीं हिल रहा, जबकि कान कह रहा है कि गति हो रही है - तो यह भ्रमित हो जाता है। दिमाग इस विरोधाभास को शरीर में मौजूद जहर के संकेत के रूप में व्याख्या करता है, और उल्टी को उस संभावित जहर को बाहर निकालने के तरीके के रूप में ट्रिगर करता है।
किसे ज़्यादा होती है मोशन सिकनेस?
आमतौर पर, बच्चे (विशेष रूप से 2 से 12 वर्ष की आयु के) और किशोर इस समस्या से अधिक प्रभावित होते हैं। इसके अलावा, जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या होती है, कान की अंदरूनी समस्याओं से ग्रस्त होते हैं, या गर्भवती महिलाएं भी मोशन सिकनेस के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती हैं। यात्रा के दौरान किताब पढ़ना, फोन इस्तेमाल करना या पीछे की ओर मुंह करके बैठना भी इस समस्या को बढ़ा सकता है।
बचने के उपाय:
यात्रा के दौरान सामने की ओर देखें और क्षितिज (horizon) पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें।
गाड़ी चलाते समय या आगे की सीट पर बैठें, जहाँ आप आगे की सड़क को देख सकें।
यात्रा के दौरान कुछ भी पढ़ने या स्क्रीन देखने से बचें।
ताजी हवा के लिए खिड़कियां थोड़ी खोलें।
खाली पेट या बहुत भारी, चिकनाई वाला भोजन करने से बचें।
अदरक (जैसे अदरक की गोली या चाय) का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
डॉक्टर से सलाह लेकर मोशन सिकनेस के लिए उपयुक्त दवाएं ली जा सकती हैं।
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