टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह में क्या अंतर है? इनके लक्षणों और कारणों को जानें

Post

मधुमेह एक आम बीमारी है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। इसके दो प्रकार हैं: टाइप 1 और टाइप 2। दोनों में ही रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। लेकिन इनके कारण, लक्षण और उपचार अलग-अलग हैं। इस लेख में हम सरल शब्दों में इन दोनों के बीच का अंतर समझाने का प्रयास करेंगे। 

टाइप 1 मधुमेह क्या है?
टाइप 1 मधुमेह बहुत खतरनाक होता है। यह शरीर में इंसुलिन नामक हार्मोन के उत्पादन में असमर्थता के कारण होता है। इंसुलिन रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। टाइप 1 मधुमेह आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में शुरू होता है। इसका मुख्य कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का गलती से अग्नाशय की उन कोशिकाओं पर हमला करना है जहाँ इंसुलिन बनता है। इस प्रकार के मधुमेह से पीड़ित रोगियों को हमेशा इंसुलिन की आवश्यकता होती है। थोड़ी सी भी देरी होने पर स्थिति बिगड़ सकती है। हालांकि, मधुमेह के कुल मामलों में से केवल 5-10% ही इस प्रकार के होते हैं। यह मधुमेह बच्चों में अधिक आम है। इसके लक्षणों में अचानक वजन कम होना, प्यास बढ़ना और थकान शामिल हैं। इस प्रकार का मधुमेह काफी हद तक आनुवंशिक कारकों पर निर्भर करता है। 

टाइप 2 मधुमेह क्या है?
टाइप 2 मधुमेह में शरीर इंसुलिन तो बनाता है, लेकिन उसका सही उपयोग नहीं कर पाता। इसे इंसुलिन प्रतिरोध कहते हैं। कभी-कभी अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता। यह बीमारी ज्यादातर वयस्कों में देखी जाती है। लेकिन मोटापा, व्यायाम की कमी और खराब खान-पान के कारण युवाओं में भी यह बढ़ रही है। इसके मुख्य कारण खराब जीवनशैली और तनाव हैं। लिंग और उम्र भी जोखिम को बढ़ाते हैं। मधुमेह के कुल मामलों में से 90-95% इसी प्रकार के होते हैं। उपचार में स्वस्थ आहार, व्यायाम, दवाएं और कभी-कभी इंसुलिन शामिल हैं। इसके लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं, जैसे बार-बार पेशाब आना, घाव का ठीक न होना, आंखों में धुंधली दृष्टि। ऐसे लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। 

टाइप 1 और टाइप 2 के बीच का मुख्य अंतर यही
है। टाइप 1 मधुमेह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर खुद को नुकसान पहुंचाता है। यह आनुवंशिक भी हो सकता है। वहीं, टाइप 2 मधुमेह जीवनशैली से संबंधित है, जैसे मोटापा, व्यायाम न करना और खान-पान की कमी। यह मधुमेह ज्यादातर वयस्कों में देखा जाता है और एक निश्चित उम्र के बाद होता है। टाइप 1 में इंसुलिन का उत्पादन बंद हो जाता है, जबकि टाइप 2 में इंसुलिन का उत्पादन तो होता है, लेकिन उसका प्रभाव कम होता है। टाइप 1 अचानक शुरू होता है, जबकि टाइप 2 धीरे-धीरे विकसित होता है। 

कारण और जोखिम:
टाइप 1 मधुमेह मुख्यतः आनुवंशिकता और पर्यावरणीय कारकों, जैसे वायरल संक्रमणों के कारण होता है। टाइप 2 मधुमेह में मोटापा, बढ़ती उम्र, व्यायाम की कमी और कुछ विशेष जातीय समूह (जैसे एशियाई या अफ्रीकी) जोखिम को बढ़ाते हैं।

लक्षण:
मधुमेह विकसित होने से पहले, शरीर में कुछ विशेष लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे थकान, अत्यधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना और वजन कम होना आदि दोनों प्रकार के मधुमेह में आम लक्षण हैं। लेकिन टाइप 1 में, लक्षण जल्दी और तेजी से प्रकट होते हैं। जबकि टाइप 2 में, वे वर्षों तक छिपे रह सकते हैं। 

--Advertisement--

--Advertisement--