"हम सिर्फ BJP से नहीं, पूरी सरकारी मशीनरी से लड़ रहे हैं": बर्लिन में क्यों बोले राहुल गांधी?

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कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष, राहुल गांधी ने एक बार फिर भारत में चुनावों के निष्पक्ष होने पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। जर्मनी की राजधानी बर्लिन में छात्रों और एक्सपर्ट्स से बात करते हुए उन्होंने भारत के लोकतंत्र को लेकर कई बड़ी और चिंताजनक बातें कहीं।

उनका कहना था कि आज भारत में हमारी लड़ाई सिर्फ बीजेपी नाम की एक राजनीतिक पार्टी से नहीं है, बल्कि उन सभी सरकारी संस्थाओं से है जिन पर उन्होंने पूरी तरह से 'कब्जा' कर लिया है।

"ED-CBI विपक्ष के लिए हथियार बन गए हैं"

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ED और CBI जैसी बड़ी जांच एजेंसियों को विपक्ष के नेताओं को डराने और उनके खिलाफ मामले दर्ज करने के लिए एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने एक सीधा सवाल पूछा:
"आप देखिए, बीजेपी के नेताओं के खिलाफ ED और CBI के कितने केस हैं? जवाब मिलेगा - एक भी नहीं। सारे मामले विपक्ष के लोगों पर ही क्यों दर्ज किए जाते हैं?"

उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर कोई बड़ा बिजनेसमैन विपक्ष की, खासकर कांग्रेस की, मदद करने की सोचता भी है, तो उसे डराया-धमकाया जाता है। उसके पीछे ED और CBI को लगा दिया जाता है।

"क्या भारत में चुनाव निष्पक्ष हो रहे हैं?"

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "हम भारत में चुनाव की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठा रहे हैं... लेकिन चुनाव आयोग हमारी बातों का कोई जवाब ही नहीं देता।" उन्होंने हरियाणा की वोटर लिस्ट का एक हैरान करने वाला उदाहरण देते हुए कहा कि उसमें एक ब्राजील की मॉडल का नाम 22 अलग-अलग जगहों पर था, जो दिखाता है कि चुनावी प्रक्रिया में कुछ तो गड़बड़ है।

पैसों की ताकत का किया जिक्र

पैसे की ताकत का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि बीजेपी के पास हमसे कई गुना ज्यादा पैसा है। चुनावी चंदे के जरिए उन्हें भारी फंड मिलता है, जबकि विपक्ष के लिए संसाधन जुटाना भी एक चुनौती है। उन्होंने कहा, "इसीलिए, हमें विपक्ष के तौर पर इस हालात से लड़ने के लिए नए रास्ते खोजने होंगे। आपको यह समझना होगा कि हम सिर्फ एक पार्टी से नहीं, बल्कि भारत की हर उस संस्था से लड़ रहे हैं जिस पर कब्जा हो चुका है।"

प्रदूषण और इजरायल के मुद्दे पर भी रखी अपनी बात

  • प्रदूषण पर: जब दिल्ली के प्रदूषण पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने जर्मनी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, "जर्मनी में इतना कुछ बनता है, इतनी फैक्ट्रियां हैं, फिर भी यहां की हवा साफ है। इसका मतलब है कि सही सरकारी नीतियों से प्रदूषण की समस्या को हल किया जा सकता है।"
  • इजरायल-हमास युद्ध पर: इस संवेदनशील मुद्दे पर उन्होंने एक संतुलित जवाब दिया। “हम अपनी रक्षा के लिए कई देशों से हथियार खरीदते हैं, जिसमें इजरायल, रूस और अमेरिका भी शामिल हैं। हमास ने जो किया, वह बिल्कुल गलत था। लेकिन उसके बाद इजरायल ने जो किया, वह भी गलत था। महिलाओं और बच्चों पर बमबारी नहीं होनी चाहिए थी।”

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