Vighnahar Chaturthi 2025: गणेश जी की कृपा पाने का शुभ मौका, जानें पूजा विधि और मुहूर्त
News India Live, Digital Desk : भगवान गणेश को समर्पित विघ्नहर चतुर्थी का व्रत हर महीने आता है, लेकिन पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व है. इसे विघ्नहर चतुर्थी या संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना के लिए बेहद शुभ माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और सच्चे मन से पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साल 2025 में पौष मास की विघ्नहर चतुर्थी 15 जनवरी, बुधवार को पड़ रही है.
विघ्नहर चतुर्थी 2025 का शुभ मुहूर्त:
चतुर्थी तिथि का आरंभ 14 जनवरी, 2025 को रात 10 बजकर 20 मिनट पर होगा और इसका समापन 15 जनवरी, 2025 को रात 8 बजकर 36 मिनट पर होगा.
इस दिन चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 59 मिनट रहेगा. चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना व्रत अधूरा माना जाता है, इसलिए चंद्रोदय के समय का विशेष ध्यान रखें.
पूजा विधि:
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें. व्रत का संकल्प लें और फिर भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं. इसके बाद धूप, दीप, फूल, दूर्वा, मोदक या लड्डू चढ़ाएं. गणेश चालीसा का पाठ करें और व्रत कथा सुनें. शाम को चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अर्घ्य दें और फिर अपना व्रत खोलें. इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें.
इस दिन का महत्व:
विघ्नहर चतुर्थी का व्रत खासकर उन लोगों के लिए बहुत फलदायी होता है जो अपने जीवन में किसी बाधा या संकट का सामना कर रहे हैं. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, यानी वे सभी बाधाओं को हरने वाले देवता हैं. इस दिन उनकी आराधना करने से शिक्षा, करियर, विवाह या स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है.
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