Vastu Tips: पति के किस तरफ सोना चाहिए पत्नी को? जानिए क्या कहता है वास्तु शास्त्र
पति-पत्नी किस दिशा में सोते हैं और उनके बेडरूम की स्थिति भी उनके रिश्ते को प्रभावित करती है। अगर पति-पत्नी गलत दिशा में सोते हैं, तो इसका भी उनके वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। घर की समृद्धि खत्म हो जाती है। जानिए पति-पत्नी के बेडरूम को लेकर वास्तु शास्त्र में कौन सी दिशाएं और नियम बताए गए हैं।
सिर किस दिशा में रखना चाहिए?
गलत दिशा में पैर करके सोने से वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं, जो पति-पत्नी के रिश्तों में कड़वाहट लाते हैं। प्रेम में कमी आती है और इसका असर घर की सुख-शांति और समृद्धि पर भी पड़ता है। दंपत्ति के बीच हमेशा मतभेद बने रहते हैं। अगर बेवजह झगड़े होते रहते हैं, तो शयन कक्ष के वास्तु पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, वास्तु के नियमों का पालन भी करना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार दंपत्ति का बिस्तर दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए ताकि सोते समय उनका सिर दक्षिण दिशा में और पैर उत्तर दिशा में रहें।
- उत्तर दिशा में सिर करके न सोएँ, भले ही भूल हो। ऐसा करने से बहुत नुकसान होता है। इससे नकारात्मकता बढ़ती है। तनाव बढ़ता है। इससे अनिद्रा होती है और बीमारियाँ हो सकती हैं।
पत्नी को किस करवट सोना चाहिए
- वास्तु शास्त्र के साथ-साथ धर्म शास्त्र में भी इसका उल्लेख किया गया है। शास्त्रों में बताया गया है कि पत्नी को पति के किस करवट सोना चाहिए और पूजा-पाठ व यज्ञ जैसे धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान उसे कहाँ बैठना चाहिए।
- धर्मग्रंथों में पत्नी को वामी कहा गया है, क्योंकि जब शिव अर्धनारीश्वर रूप में प्रकट हुए थे, तब शक्ति का स्वरूप बाईं ओर था। इसलिए विवाह के दौरान, परिक्रमा और रस्में पूरी होते ही पत्नी को बाईं ओर बिठाया जाता है।
- सोते समय भी पत्नी को बिस्तर पर पति के बाईं ओर सोना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
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