पटना की सड़कों पर छात्रों के लिए खून पसीना बहाने वाला नेता, अब मांगेगा ग्रेजुएट्स का वोट

Post

News India Live, Digital Desk: पटना की सड़कों पर जब BPSC या BSSC के पेपर लीक को लेकर लाठियां बरसाई जा रही थीं, तब एक चेहरा सबसे आगे खड़ा नजर आता था। कड़कड़ाती ठंड हो या चिलचिलाती धूप, छात्रों के हक़ के लिए लड़ने वाला वो शख्स दिलीप कुमार (Dilip Kumar)

आज बिहार के प्रतियोगी छात्रों के लिए एक बहुत बड़ी खबर आई है। 'राष्ट्रीय छात्र एकता मंच' के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने अब सक्रिय राजनीति के अखाड़े में उतरने का फैसला कर लिया है।

मैदान कौन सा है?

दिलीप कुमार ने ऐलान किया है कि वो बिहार विधान परिषद (MLC) का चुनाव लड़ेंगे। और सीट चुनी है पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र (Patna Graduate Constituency)। यह वही सीट है जहाँ पढ़े-लिखे लोग, यानी ग्रेजुएट्स वोट करते हैं।

सड़क से सदन का सफर क्यों?

अक्सर हम देखते हैं कि नेता चुनाव के वक्त वादे तो बड़े-बड़े करते हैं, लेकिन छात्रों का दर्द कोई नहीं समझता। पेपर लीक होता है, रिजल्ट लटकता है, और छात्र सालों-साल तैयारी में घिसते रहते हैं।

दिलीप कुमार का कहना है कि उन्होंने सड़कों पर बहुत आंदोलन कर लिए। सरकार को कई बार झुकाया भी, लेकिन जब तक "सिस्टम" के अंदर छात्रों की अपनी आवाज नहीं होगी, तब तक पूरी लड़ाई नहीं जीती जा सकती। उनका मानना है कि विधान परिषद में जाकर वो मजबूती से युवाओं की बात रख पाएंगे।

युवाओं के लिए नई उम्मीद?

बिहार में छात्र राजनीति का इतिहास बहुत पुराना है (लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार तक सब यहीं से निकले हैं)। लेकिन पिछले कुछ सालों में दिलीप कुमार ने जिस तरह निस्वार्थ भाव से छात्रों की लड़ाई लड़ी है, उसने युवाओं के दिल में एक अलग जगह बनाई है।

चाहे वो BPSC में सुधार की मांग हो या सिपाही भर्ती में धांधली का विरोध, दिलीप हर जगह डटे रहे। अब जब वो चुनावी मैदान में आ रहे हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बिहार के ग्रेजुएट्स और छात्र अपने इस 'साथी' को सदन तक पहुँचाते हैं या नहीं।

यह लड़ाई आसान नहीं होगी क्योंकि सामने बड़ी-बड़ी पार्टियों के दिग्गज होंगे। लेकिन कहते हैं न, जिसका कोई नहीं होता, उसका साथ देने के लिए जनता खुद खड़ी हो जाती है।

--Advertisement--