सस्पेंड नहीं, सीधे बर्खास्त बिहार में घूसखोरों की खैर नहीं, पश्चिम चंपारण का मामला बना मिसाल

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News India Live, Digital Desk : बिहार में अक्सर हम सुनते हैं कि "बिना पैसा दिए कोई काम नहीं होता।" दाखिल-खारिज हो या कोई रसीद कटवानी हो, चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है। लेकिन अब समय बदल रहा है। पश्चिम चंपारण (बेतिया) से एक ऐसी खबर आई है जो भ्रष्ट अधिकारियों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है।

यहाँ एक राजस्व कर्मचारी (Revenue Employee) को महज 5,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। जी हाँ, सस्पेंशन नहीं, सीधे नौकरी से बर्खास्त (Dismissed)!

आखिर माजरा क्या था?

मामला एक जमीन से जुड़े काम का था। आम आदमी सरकारी दफ्तर के चक्कर लगा-लगाकर थक जाता है। आरोप है कि उक्त कर्मचारी ने काम करने के बदले में 5,000 रुपये की डिमांड की थी। उन्हें लगा होगा कि "अरे, ये तो रोज का काम है, कौन पकड़ेगा?"

लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था कि उनकी यह हरकत प्रशासन की नजर में आ चुकी है। जांच हुई, आरोप सही पाए गए और फिर जो फैसला आया, उसने पूरे विभाग में हड़कंप मचा दिया।

5 हजार के लिए लाखों की नौकरी गई

जरा सोचिए, एक सरकारी नौकरी में रिटायरमेंट तक कितनी सैलरी और सुविधाएं मिलती हैं। लेकिन 5,000 रुपये के छोटे से लालच ने इस कर्मचारी का पूरा करियर बर्बाद कर दिया। जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इसका मतलब है न नौकरी बची और न ही भविष्य में मिलने वाले लाभ।

बाकी कर्मचारियों के लिए कड़ा संदेश

यह कार्रवाई सिर्फ एक सजा नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम के लिए एक चेतावनी है। जो कर्मचारी सोचते हैं कि वो टेबल के नीचे से पैसे लेकर बच निकलेंगे, उनके लिए यह खतरे की घंटी है। डीएम और प्रशासन अब यह साफ़ कर रहे हैं कि भ्रष्टाचार (Corruption) को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आम जनता के लिए यह राहत की खबर है। जब बड़े अधिकारियों की तरफ से ऐसे सख्त कदम उठाए जाते हैं, तो छोटे कर्मचारियों में भी डर पैदा होता है और सिस्टम में सुधार की उम्मीद जगती है।

तो भैया, अगर कोई सरकारी बाबू आपसे घूस मांगे, तो उसे यह खबर जरूर सुना दीजियेगा कहीं 5000 के चक्कर में वो भी अपनी कुर्सी न गंवा बैठे!

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