Weight Loss के कड़वे सच: सिर्फ कैलोरी या सुपरफूड्स नहीं, असली वजह कुछ और है—जानें फिटनेस कोच की सलाह
फिटनेस और न्यूट्रीशन कोच निकिता बारडिया ने हाल ही में अपनी वायरल वीडियो में वज़न घटाने, डाइट, PCOS और फिटनेस को लेकर फैले मिथकों की सच्चाई साझा की। उनका मैसेज साफ है—केवल डायट चार्ट, सुपरफूड्स या कैलोरी काउंटिंग से हल नहीं निकलता, असली बदलाव तो लाइफस्टाइल और माइंडसेट से आता है।
यहां जानिए उनकी सबसे जरूरी 8 सीख:
1. ब्लोटिंग का कारण सिर्फ फूड नहीं—शांत दिमाग है असली ज़रूरत
अगर अक्सर ब्लोटिंग, भारीपन या पेट फूला हुआ महसूस हो, तो जरूरी नहीं कि हर बार आपकी डाइट ही जिम्मेदार हो! निकिता कहती हैं—“कई बार आपका नर्वस सिस्टम यानी दिमाग और शरीर ओवर-स्टिम्युलेटेड (अधिकार थका हुआ) होता है। ज्यादा स्क्रीन टाइम, कम नींद और स्ट्रेस का असर पेट पर आता है।”
2. 'चीट मील' नहीं, इमोशनल कंट्रोल ज़्यादा जरूरी
बार-बार 'ट्रीट योरसेल्फ' या 'चीट डे' के बहाने आपको फास्ट फूड खाने की ललक असल में एमोशनल क्रेविंग का नतीजा है। खुद को बार-बार अनहेल्दी खाने से तसल्ली देना आपके शरीर के लिए कन्फ्यूसिंग और नुकसानदायक हो सकता है। असली समाधान—इमोशनल रेगुलेशन।
3. 'लेट नाइट स्क्रीनिंग' आपकी पेट चर्बी का बड़ा कारण
रात में देर तक मोबाइल/लैपटॉप देखने से रात में कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) बढ़ता है, जिससे सुबह इंसुलिन पर असर पड़ता है। इसका सीधा प्रभाव पेट की चर्बी बढ़ने के रूप में दिखता है। जल्दी सोना, स्क्रीन टाइम कम रखना सबसे बड़ा वेट लॉस हैक है।
4. PCOS—सिर्फ हार्मोनल नहीं, लाइफस्टाइल जिम्मेदार
महिलाओं में पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) का मुख्य कारण गड़बड़ दिनचर्या, अनियमित खान-पान, खाली पेट कॉफी, और नींद की कमी भी है। सिर्फ दवा से नहीं, बल्कि दिनभर की आदतों में सुधार लाना जरूरी है।
5. सुपरफूड्स ‘रामबाण’ नहीं—डाइट पैटर्न मायने रखता है
फैशन में आए फ्लैक्स सीड्स या चिया सीड्स अप्रभावी हैं अगर आपकी मील टाइमिंग और डाइट लॉजिक में गड़बड़ी है।
6. 'वीकेंड बिंज' कोई बैलेंस नहीं
पूरे हफ्ते स्ट्रिक्ट डाइट और फिर वीकेंड में जमकर ओवरइटिंग—इसका शरीर पर नेगेटिव इफेक्ट आता है। बार-बार ऐसा करने से हॉर्मोन बिगड़ सकते हैं।
7. एक्सरसाइज से नहीं, अपने शरीर से 'नेक' बदलाव शुरू करें
अगर आपको वर्कआउट से नफ़रत है, तो असल में यह आपके शरीर/सेल्फ इमेज की प्रॉब्लम है। निकिता की सलाह—मूवमेंट को खुद को पनिश करने की बजाय पावरफुल और पॉजिटिव महसूस करने का तरीका समझें।
8. कॉफी बिना दिन नहीं कटता? ये 'हसल' नहीं, 'बर्नआउट' है
अगर आपकी एनर्जी सिर्फ कॉफी या कैफीन से आती है, तो शरीर असल में थकावट की चेतावनी दे रहा है। यह प्रोडक्टिविटी नहीं, अंदरूनी डिस्टर्बेंस है।
लाइफस्टाइल में छोटे बदलाव, बड़ी राहत
सिर्फ डाइट और कैलोरी के फेर में न पड़ें। अच्छी नींद, सीमित स्क्रीन, इमोशनल बैलेंस और लगातार, सिंपल जीने की आदत ही वजन घटाने, पीसीओएस, पेट की चर्बी और हेल्दी लाइफ का असली फॉर्म्युला है।
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