Success Mantra : शुभ काम के लिए निकल रहे हैं? पंचांग में ये तीन 'कांटे' देख लिए तो सफलता पक्की समझिए
News India Live, Digital Desk : क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि आप बहुत उत्साह से किसी ज़रूरी काम के लिए घर से निकले चाहे वो इंटरव्यू हो, कोई बिज़नेस डील हो या लंबी यात्रा और वहां पहुँचते ही सब गुड़-गोबर हो गया? गाड़ी खराब हो गई, मीटिंग कैंसिल हो गई या कोई बिना बात का झगड़ा हो गया। हम अक्सर इसे 'किस्मत ख़राब होना' कह देते हैं, लेकिन ज्योतिष शास्त्र कहता है कि इसमें क़सूर आपकी किस्मत का नहीं, बल्कि 'टाइमिंग' का हो सकता है।
आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में हम पंचांग (Panchang) देखना भूल गए हैं, लेकिन हमारे बड़े-बुजुर्ग घर से पैर बाहर निकालने से पहले कुछ खास चीजें जरूर देखते थे। और यकीन मानिए, ये कोई अंधविश्वास नहीं है, बल्कि "अशुभ समय" को बायपास करने का एक स्मार्ट तरीका है।
अगर आप चाहते हैं कि आपका हर सफर सुहाना हो और जिस काम के लिए जा रहे हैं वो पूरा हो, तो घर की दहलीज लांघने से पहले पंचांग में ये 3 बातें जरूर चेक कर लें।
1. राहुकाल (Rahu Kaal): डेढ़ घंटे का 'खतरा'
सबसे पहले और सबसे ज़रूरी चीज़ राहुकाल। ज्योतिष में राहु को एक 'छाया ग्रह' माना जाता है जो अच्छे कामों में अड़ंगा डालता है। हर दिन (सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच) करीब डेढ़ घंटे का समय ऐसा होता है, जिसे राहुकाल कहते हैं।
- नियम: इस दौरान किसी भी नए काम की शुरुआत (Start) नहीं करनी चाहिए और न ही किसी यात्रा पर निकलना चाहिए। अगर आप राहुकाल में घर से निकलते हैं, तो काम अटकने के चांस बढ़ जाते हैं।
- क्या करें: मोबाइल ऐप्स में रोज़ का राहुकाल आसानी से मिल जाता है। बस उसे टाल दें या अगर जाना बहुत ज़रूरी हो, तो घर से दही-शक्कर खाकर ही निकलें।
2. दिशा शूल (Disha Shool): गलत दिशा में कदम न बढ़ाएं
क्या आपने कभी सुना है— "आज पीर (सोमवार), पूरब न जाइयो?" जी हाँ, ये दिशा शूल ही है। इसका मतलब है कि हफ़्ते के हर दिन कोई न कोई एक दिशा (Direction) ऐसी होती है, जहाँ यात्रा करना भारी पड़ सकता है।[1] इसे 'दिशा शूल' कहते हैं, यानी उस दिशा में 'कांटा'।[1]
- किस दिन कहाँ न जाएं:
- सोमवार और शनिवार: पूर्व दिशा (East) की यात्रा न करें।
- रविवार और शुक्रवार: पश्चिम दिशा (West) की तरफ न जाएं।
- मंगलवार और बुधवार: उत्तर दिशा (North) में जाने से बचें।
- गुरुवार: दक्षिण दिशा (South) की यात्रा अशुभ मानी जाती है।
- जुगाड़: अगर उसी दिशा में जाना मजबूरी है, तो 'परिहार' कर लें। जैसे—रविवार को पान खाकर या सोमवार को दर्पण (Sheesha) देखकर निकलें।
3. भद्रा (Bhadra): काम बिगाड़ने वाली 'बहन'
राहुकाल और दिशा शूल तो बहुत लोग देखते हैं, लेकिन तीसरी और सबसे खतरनाक चीज़ है—'भद्रा'। ज्योतिष के अनुसार, भद्रा शनि देव की बहन है और इनका स्वभाव बहुत उग्र है।
- क्यों बचें: कहते हैं कि जब भद्रा काल लगा हो (जिसे 'भद्रा पूंछ' या 'भद्रा मुख' भी कहते हैं), तो उस समय कोई भी मांगलिक काम या लंबी यात्रा शुरू नहीं करनी चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा में किया गया काम कभी सफल नहीं होता या फिर उसका फल उल्टा मिलता है।
- सावधानी: पंचांग में 'भद्रा' का समय साफ़-साफ़ दिया होता है। इसे ज़रूर चेक करें, खासकर रक्षाबंधन या किसी बड़े त्योहार और यात्रा के समय
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