महाराष्ट्र की राजनीति में फिर बढ़ा सस्पेंस अजित पवार गुट में मची खलबली
News India Live, Digital Desk : महाराष्ट्र की राजनीति भी किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं है। यहाँ कब क्या हो जाए, किसी को खबर नहीं होती। अभी लोग धनंजय मुंडे की चर्चा कर ही रहे थे कि अब एनसीपी (अजित पवार गुट) से एक और बड़ी खबर सामने आ गई है। सिन्नर से विधायक और कद्दावर नेता मणिकराव कोकाटे (Manikrao Kokate) को लेकर जो अटकलें लगाई जा रही थीं, उन पर अब एक तरह से विराम लग गया है, लेकिन यह उनके समर्थकों के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है।
हाथ आई पर मुंह न लगी 'कुर्सी'
सियासत में कहा जाता है कि जब तक शपथ न हो जाए, तब तक कुछ भी पक्का नहीं मानना चाहिए। मणिकराव कोकाटे के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। राजनीतिक गलियारों में यह बात पक्की मानी जा रही थी कि कोकाटे को मंत्री पद (Ministership) जरूर मिलेगा। उनके अनुभव और पार्टी में उनके कद को देखते हुए उनका नाम सबसे आगे चल रहा था। लेकिन जैसे ही मंत्रिमंडल विस्तार की तस्वीर साफ हुई, कोकाटे का नाम लिस्ट से गायब देखकर हर कोई हैरान रह गया।
ऐसा कहा जा रहा है कि अंदरखाने कुछ ऐसा समीकरण बैठा कि आखिरी वक्त पर बाजी पलट गई। जहाँ एक तरफ कार्यकर्ता जश्न की तैयारी कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ इस फैसले ने मायूसी फैला दी है।
अजित पवार के सामने अब नई चुनौती?
अजित पवार (Ajit Pawar) के लिए यह फैसला लेना आसान नहीं रहा होगा। अपनी पार्टी के वफादार और मजबूत नेताओं को खुश रखना किसी भी नेता के लिए बड़ी चुनौती होती है। पहले धनंजय मुंडे और अब मणिकराव कोकाटे जैसे नामों को लेकर जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उससे साफ है कि पार्टी के भीतर 'ऑल इज वेल' वाली स्थिति नहीं है।
मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से नेताओं की नाराजगी स्वाभाविक है। कोकाटे नासिक जिले में अच्छा-खासा प्रभाव रखते हैं। ऐसे में उनकी अनदेखी करना पार्टी को भविष्य में भारी भी पड़ सकता है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या महायुति (Mahayuti) में सीटों और पदों के बंटवारे को लेकर रस्साकशी अभी भी जारी है?
समर्थकों में भारी गुस्सा
जैसे ही यह खबर बाहर आई कि मणिकराव कोकाटे को मंत्री नहीं बनाया जा रहा है, उनके समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा। जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ता इसे अपने नेता का अपमान मान रहे हैं। राजनीति में समर्थकों की यह नाराजगी कई बार बगावत की चिंगारी भी बन जाती है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि मणिकराव कोकाटे का अगला कदम क्या होता है। क्या वे पार्टी के फैसले को स्वीकार करेंगे या फिर अपनी नाराजगी जाहिर करेंगे? फिलहाल तो महाराष्ट्र की राजनीति में इस घटनाक्रम ने हलचल तेज कर दी है और हर किसी की नजरें अजित पवार के अगले दांव पर टिकी हैं।
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