सस्पेंडेड MLA की बढ़ी मुश्किलें ,अब पुलिस की रडार पर राहुल ममकूटथिल, पार्टी ने भी नहीं दिया साथ

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News India Live, Digital Desk : राजनीति में कब कौन अर्श से फर्श पर आ गिरे, कुछ कहा नहीं जा सकता। केरल की राजनीति में यूथ कांग्रेस के फायरब्रैंड नेता और सस्पेंडेड विधायक राहुल ममकूटथिल (Rahul Mamkootathil) के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है। जो नेता कल तक अपनी आवाज़ के लिए पहचाना जाता था, आज वो संगीन आरोपों के घेरे में है।

मामला क्या है?
दरअसल, राहुल ममकूटथिल के खिलाफ यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) का मामला दर्ज किया गया है। यह खबर सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई। एक तरफ जहाँ विरोधी दल हमलावर हैं, वहीं दूसरी तरफ हर कोई यह देखना चाह रहा था कि कांग्रेस पार्टी अपने इस युवा नेता का बचाव करती है या नहीं।

पार्टी ने किया किनारा, कानून के साथ खड़ी दिखी कांग्रेस
अक्सर देखा जाता है कि जब किसी नेता पर आरोप लगते हैं, तो पार्टी "राजनीतिक साजिश" का ढोल पीटने लगती है। लेकिन यहाँ पेंच अलग है। कांग्रेस नेतृत्व ने इस मामले में बेहद सधा हुआ और सख्त रुख अपनाया है।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने साफ कर दिया है कि वे आंख मूंदकर किसी का बचाव नहीं करेंगे। कांग्रेस का कहना है कि महिला सुरक्षा और सम्मान उनके लिए सबसे ऊपर है। अगर आरोप लगे हैं, तो जांच होनी चाहिए और कानून को अपना काम करना चाहिए। पार्टी ने संकेत दिए हैं कि वे पुलिस कार्रवाई का विरोध नहीं करेंगे, बल्कि चाहते हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो।

नेता जी की मुश्किलें क्यों बढ़ीं?
राहुल ममकूटथिल पहले से ही सस्पेंड चल रहे थे, और अब इस एफआईआर (FIR) ने उनकी वापसी के रास्ते लगभग बंद कर दिए हैं। पुलिस अब मामले की तहकीकात कर रही है और कयास लगाए जा रहे हैं कि उन पर कानूनी शिकंजा और कस सकता है।

जनता के मन में सवाल
आम जनता इस बात से हैरान भी है और खुश भी कि कम से कम पार्टी ने 'नेताओं को बचाने' वाली पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए निष्पक्ष जांच का समर्थन किया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है क्या राहुल ममकूटथिल इन आरोपों से खुद को पाक-साफ साबित कर पाएंगे, या फिर उनका राजनीतिक सफर यहीं थम जाएगा?

फिलहाल, गेंद पुलिस और कोर्ट के पाले में है।

 

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