SMR Technology : क्या अब हर शहर को रोशन करेंगे मिनी न्यूक्लियर प्लांट? जानिए पुतिन की झोली में क्या है खास
News India Live, Digital Desk : दिल्ली में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का आना सिर्फ एक कूटनीतिक दौरा नहीं है, बल्कि यह दुनिया को एक बहुत बड़ा संदेश है। खासकर उस वक्त जब अमेरिका (USA) और पश्चिमी देश भारत पर तरह-तरह के दबाव बना रहे हैं।
आजकल खबरें गर्म हैं कि अमेरिका भारत और ब्रिक्स (BRICS) देशों पर टैरिफ यानी टैक्स बढ़ाने की धमकियां दे रहा है। ऐसे माहौल में भारत का रूस के साथ खड़े होना और भविष्य की बड़ी डील करना यह बताता है कि 'नया भारत' अपनी शर्तें खुद तय करता है।
तो आखिर इस दौरे में ऐसा क्या खास पक रहा है जिसे लेकर चीन और पाकिस्तान से ज्यादा अमेरिका परेशान है? आइए आसान भाषा में समझते हैं।
1. अमेरिका की धमकी बनाम रूस का भरोसा
एक तरफ अमेरिका है, जो व्यापार में टैरिफ (Tariff War) का डर दिखा रहा है। उनका कहना है कि अगर आप डॉलर को छोड़ोगे या हमारी बात नहीं मानोगे तो हम आपके सामान पर भारी टैक्स लगा देंगे।
वहीं दूसरी तरफ रूस है। रूस न धमकी देता है, न लेक्चर। वो सीधा काम की बात कर रहा है— ऊर्जा (Energy) की। भारत जानता है कि विकास के लिए उसे बिजली और ईंधन चाहिए, और इसमें रूस हमारा सबसे पुराना और भरोसेमंद साथी है।
2. सबसे बड़ा गेम चेंजर: 'मिनी न्यूक्लियर प्लांट' (SMR)
इस दौरे की सबसे हॉट टॉपिक है— SMR (Small Modular Reactors)।
अब आप पूछेंगे यह क्या बला है? आसान शब्दों में समझें तो अभी जो न्यूक्लियर प्लांट होते हैं वो बहुत विशाल होते हैं और उन्हें बनाने में सालों लगते हैं। SMRs 'छोटे परमाणु रिएक्टर' होते हैं। इन्हें फैक्टरी में बनाकर सीधे उस जगह ले जाकर फिट किया जा सकता है जहां बिजली की जरूरत है।
रूस इसमें माहिर है। अगर यह डील पक्की होती है, तो भारत को साफ-सुथरी बिजली मिलेगी और कोयले पर हमारी निर्भरता कम हो जाएगी। यह टेक्नोलॉजी भविष्य है, और रूस इसे भारत के साथ शेयर करने को तैयार है।
3. यूरेनियम (Uranium) की टेंशन खत्म
हमारे परमाणु रिएक्टर्स को चलाने के लिए यूरेनियम चाहिए। पहले हमें इसके लिए पश्चिमी देशों के सामने हाथ फैलाना पड़ता था। लेकिन खबरों के मुताबिक, पुतिन भारत को लंबे समय तक यूरेनियम की सप्लाई देने का वादा कर रहे हैं। यानी हमारी एनर्जी सिक्योरिटी अब सेफ हो जाएगी।
4. 'मेक इन इंडिया' को बुस्ट
अमेरिका हथियार तो बेचना चाहता है लेकिन टेक्नोलॉजी देने में आनाकानी करता है। रूस का मामला उल्टा है। वो कहता है— "टेक्नोलॉजी लो और भारत में ही बनाओ।" पुतिन के इस दौरे पर भी बात यही है कि SMRs और अन्य हथियार भारत में ही बनाए जाएं।
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