Shocking Trend: जेनरेशन ज़ेड भी झेल रही है मोटापा डायबिटीज जैसी बीमारियाँ पहले थी मध्यम वर्ग की पहचान
News India Live, Digital Desk: बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतों के कारण, कई स्वास्थ्य समस्याएं, जिन्हें पहले मुख्य रूप से मध्यम वर्ग और मध्यम आयु वर्ग के लोगों से जोड़ा जाता था, अब तेज़ी से युवा पीढ़ी यानी जेनरेशन ज़ेड Gen Z को भी प्रभावित कर रही हैं। यह एक चिंताजनक ट्रेंड है, क्योंकि ये बीमारियाँ आमतौर पर अधिक उम्र या कम शारीरिक गतिविधि से जुड़ी होती थीं। आइए जानते हैं वो 5 बीमारियाँ जो अब Gen Z को भी परेशान कर रही हैं:
डायबिटीज : टाइप 2 डायबिटीज, जिसे पहले वयस्कों और बढ़ती उम्र से जोड़ा जाता था, अब युवाओं में, यहां तक कि किशोरों में भी बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण गलत खानपान प्रोसेस्ड और शुगरी फूड्स, शारीरिक निष्क्रियता और मोटापा है। Gen Z में स्क्रीन टाइम बढ़ने और बाहरी गतिविधियों में कमी आने से यह समस्या और विकट हो रही है।
हाई ब्लड प्रेशर : उच्च रक्तचाप, जिसे एक "खामोश हत्यारा" कहा जाता है, अब कम उम्र में ही युवाओं को निशाना बना रहा है। तनाव, फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन, निष्क्रिय जीवनशैली और नमक की अधिक मात्रा इसका प्रमुख कारण है। युवा वर्ग में काम का दबाव और अस्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल भी इसे बढ़ा रहा है।
मोटापा : बचपन से ही खाने-पीने की अनहेल्दी आदतें और शारीरिक श्रम की कमी मोटापे की दर बढ़ा रही है। जेनरेशन ज़ेड के कई सदस्य मोटे या अधिक वजन वाले हैं, जिससे उन्हें डायबिटीज, हृदय रोग और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। डिजिटल उपकरणों पर बिताया जाने वाला अधिक समय भी निष्क्रियता में योगदान कर रहा है।
पाचन संबंधी समस्याएं : इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम IBS, कब्ज, एसिडिटी, और पेट में गैस जैसी पाचन संबंधी समस्याएं भी Gen Z में आम हो रही हैं। अनियमित खान-पान, फाइबर की कमी, जंक फूड का अत्यधिक सेवन और तनाव इसका कारण हैं। गैजेट्स पर खाने के दौरान ध्यान न देना भी पाचन को प्रभावित कर रहा है।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं : भले ही यह शारीरिक बीमारी न हो, लेकिन चिंता, अवसाद डिप्रेशन, और तनाव अब Gen Z के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। सोशल मीडिया का दबाव, शैक्षणिक अपेक्षाएं, करियर की चिंता और जीवन की अनिश्चितताएँ इन मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा रही हैं। यह भी अप्रत्यक्ष रूप से शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
इन समस्याओं से बचने के लिए Gen Z को अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की सख़्त ज़रूरत है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, और स्क्रीन टाइम कम करना अनिवार्य है। मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना और जरूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लेना भी बहुत ज़रूरी है ताकि वे एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें।
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