शनिदेव चल रहे हैं भारी? 23 अगस्त को बन रहा है 2025 का सबसे शक्तिशाली दिन, एक उपाय से कट जाएंगे सारे कष्ट
जब भी शनिदेव का नाम आता है, तो अच्छे-अच्छों के मन में एक अनजाना सा डर बैठ जाता है। साढ़ेसाती, ढैय्या, शनि की टेढ़ी नज़र... ये ऐसे शब्द हैं, जो किसी को भी परेशान कर सकते हैं। लेकिन शनिदेव सिर्फ़ दंड ही नहीं देते, वह न्याय के देवता भी हैं और अपने भक्तों पर जब प्रसन्न होते हैं, तो रंक को भी राजा बना देते हैं।
अगर आपकी ज़िंदगी में भी परेशानियाँ खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं, हर काम में रुकावट आ रही है या आप शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से गुज़र रहे हैं, तो आपके लिए एक बहुत बड़ी और अच्छी ख़बर है। इस साल 2025 में एक ऐसा महासंयोग बन रहा है, जो शनिदेव को प्रसन्न करने और उनके प्रकोप से बचने का सबसे बड़ा मौक़ा है।
यह ख़ास दिन है शनि अमावस्या, जो इस साल 23 अगस्त 2025, शनिवार को पड़ रही है।
क्यों है यह दिन इतना ख़ास और दुर्लभ?
हिंदू पंचांग में जब भी कोई अमावस्या शनिवार के दिन पड़ती है, तो उसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। यह दिन शनि देव की पूजा के लिए सबसे शक्तिशाली और फलदायी माना जाता है। इस बार यह भाद्रपद महीने की अमावस्या को पड़ रही है, जो पितरों की शांति के लिए भी बहुत अहम मानी जाती है।
यानी, 23 अगस्त को एक ही दिन शनि देव और अपने पितरों (पूर्वजों) को प्रसन्न करने का अद्भुत संयोग बन रहा है। माना जाता है कि इस दिन किए गए उपाय, दान और पूजा का फल कई गुना होकर मिलता है और इससे शनि दोष, पितृ दोष और काल सर्प दोष जैसे बड़े कष्टों से भी मुक्ति मिलती है।
शनिदेव के साथ-साथ शिव की भी मिलेगी कृपा
एक और ख़ास बात यह है कि शनिदेव भगवान शिव को अपना गुरु मानते हैं। इसलिए, इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान शिव की पूजा-अर्चना करता है, उस पर शनिदेव अपनी कुदृष्टि नहीं डालते और प्रसन्न होते हैं।
इस दिन क्या करें? (सरल और अचूक उपाय)
आपको कोई बहुत बड़ा या महंगा अनुष्ठान करने की ज़रूरत नहीं है। सच्ची श्रद्धा से किए गए ये छोटे-छोटे उपाय भी आपके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं:
- पीपल के पेड़ की पूजा: शाम के समय किसी पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक (दीया) जलाएं और 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप करते हुए पेड़ की सात बार परिक्रमा करें।
- शिवलिंग पर जल: किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल या दूध चढ़ाएं और 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करें।
- छाया दान: एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें और फिर उस तेल को किसी ज़रूरतमंद या शनि मंदिर में दान कर दें। इसे 'छाया दान' कहते हैं।
- इन चीज़ों का करें दान: इस दिन काले तिल, काले कपड़े, छाता, जूते-चप्पल या लोहे की चीज़ों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है।
- पितरों के लिए: अपने पूर्वजों के नाम पर जल दें (तर्पण करें) और किसी ब्राह्मण या ग़रीब को भोजन कराएं।
राशि के अनुसार छोटे-छोटे उपाय
- मेष और वृश्चिक: आप हनुमान चालीसा का पाठ करें, इससे शनि का प्रकोप कम होता है।
- वृषभ और तुला: छोटी कन्याओं को कुछ मीठा खिलाएं।
- मिथुन और कन्या: गाय को हरा चारा खिलाएं।
- कर्क: शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाएं।
- सिंह: आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
- धनु और मीन: पीपल के पेड़ को जल दें।
- मकर और कुंभ: शनि चालीसा का पाठ करें और तेल का दान करें।
यह एक दिन आपके जीवन की कई परेशानियों को खत्म करने की ताक़त रखता है। इस मौक़े को हाथ से न जाने दें और सच्ची श्रद्धा से शनिदेव की उपासना करें, आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।
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