मिट्टी में छिपा ये हीरा पहचान लो सर्दियों में जिमीकंद खाने के ये 5 फायदे जान गए, तो रोज बनाएंगे
News India Live, Digital Desk : सर्दियों के बाजार में आपने अक्सर मिट्टी में सनी हुई, बड़े से पत्थर जैसी दिखने वाली एक सब्जी देखी होगी। इसे कुछ लोग जिमीकंद कहते हैं, तो कुछ सूरन या ओल। सच कहें तो, बहुत से लोग इसकी 'शक्ल' देखकर या इसे काटने के झंझट से बचने के लिए इसे खरीदते ही नहीं हैं।
लेकिन रुकिए! अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो जिमीकंद को देखकर मुंह फेर लेते हैं, तो आज का ये लेख आपकी सोच बदल देगा। यकीन मानिए, आयुर्वेद में इसे सर्दियों का खजाना माना गया है।
शरीर के लिए क्यों जरूरी है सूरन?
सर्दियों में हमें ऐसी चीजें खानी चाहिए जिनकी तासीर (Potency) गर्म हो। जिमीकंद की तासीर गर्म होती है। इसे खाने से शरीर अंदर से गर्म रहता है और बार-बार होने वाली सर्दी-खांसी या कफ की समस्या पास नहीं आती।
1. पेट के लिए रामबाण (Digestive Power)
क्या आप जानते हैं कि जिमीकंद पेट की सफाई के लिए बेहतरीन है? इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। जो लोग कब्ज (Constipation) से परेशान रहते हैं, उनके लिए यह सब्जी किसी दवा से कम नहीं है। यह आंतों की गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है।
2. बवासीर में मिलता है आराम
यह बात शायद बहुत कम लोग जानते हैं, लेकिन जिमीकंद बवासीर (Piles) की बीमारी में बेहद फायदेमंद माना जाता है। पुरानी मान्यताओं और देसी नुस्खों में बवासीर के मरीजों को अक्सर सूरन की सब्जी खाने की सलाह दी जाती है। यह सूजन और दर्द कम करने में मदद करता है।
3. वजन घटाने वाला साथी
अगर आप सर्दियों में बढ़ते वजन से टेंशन में हैं, तो जिमीकंद आपकी मदद कर सकता है। इसे खाने के बाद पेट लंबे समय तक भरा-भरा लगता है, जिससे हम फालतू स्नैक्स या जंक फूड खाने से बच जाते हैं। और हां, यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी तेज करता है।
वो 'खुजली' वाली समस्या और उसका हल!
बहुत से लोग इसे इसलिए नहीं खाते क्योंकि इसे काटने पर हाथों में या खाने पर गले में हल्की खुजली होती है। इसका एक बहुत आसान सा उपाय है:
- जब भी जिमीकंद उबालें, पानी में थोड़ा सा नमक और नींबू डाल दें।
- सब्जी बनाते समय इसमें खटाई के तौर पर इमली, आमचूर या दही का इस्तेमाल जरूर करें। खटाई इसके खुजली वाले गुण को पूरी तरह खत्म कर देती है और स्वाद भी लाजवाब हो जाता है।
बनाने का तरीका भी है खास
आप इसकी सूखी सब्जी बना सकते हैं, या रसेदार दम-आलू स्टाइल में। कई घरों में तो इसकी चटनी या भरता (चोखा) भी बड़े चाव से खाया जाता है।
तो अगली बार सब्जी मंडी जाएं, तो उस मिट्टी वाले 'पत्थर' को इग्नोर मत कीजियेगा। उसे घर लाएं, बढ़िया मसालेदार सब्जी बनाएं और अपनी इम्युनिटी को मजबूत करें। सेहत भी और स्वाद भी!
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