डोनाल्ड ट्रंप के फैसले पर अमेरिका में ही बगावत भारत पर टैक्स लगाने के खिलाफ क्यों खड़ी हुई संसद?

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News India Live, Digital Desk : अमेरिका में इन दिनों सियासी हलचल काफी तेज है और इसका सीधा कनेक्शन हम भारतीयों से है। जब से डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रिक्स (BRICS) देशों, खास तौर पर भारत पर भारी-भरकम इंपोर्ट टैक्स (Tariff) लगाने की बात कही है, तब से वहां के बाजारों में खलबली मची हुई है। लेकिन अब कहानी में एक नया और दिलचस्प मोड़ आ गया है।

हैरानी की बात यह है कि भारत के बचाव में, या कहें कि अमेरिका की अपनी भलाई के लिए, वहां के ही एक सांसद (US House Representative) ने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर मामला क्या है और ट्रम्प के इस फैसले को अमेरिका के अंदर ही चुनौती क्यों दी जा रही है।

'टैरिफ नहीं, यह अमेरिकी जनता पर टैक्स है'

बात एकदम सीधी है। डोनाल्ड ट्रम्प ने धमकी दी थी कि अगर भारत और अन्य ब्रिक्स देश डॉलर को छोड़कर अपनी करेंसी में व्यापार करते हैं, तो उन पर 100% तक टैरिफ लगाया जाएगा। सुनने में यह एक "स्ट्रॉन्ग लीडर" का फैसला लगता है, लेकिन अमेरिका के एक वरिष्ठ सांसद ने इसकी पोल खोल दी है।

इन सांसद का कहना है कि यह फैसला न केवल "गैर-कानूनी" (Illegal) है, बल्कि यह सीधे तौर पर अमेरिकी परिवारों की जेब पर डाका डालने जैसा है।

सोचिए जरा, अगर अमेरिका भारत से आने वाले कपड़ों, दवाइयों या मसाले पर 50-100% टैक्स लगा देगा, तो अंत में वो महंगा सामान खरीदेगा कौन? वहां की आम जनता! वालमार्ट या टार्गेट जैसे स्टोर्स में जो टी-शर्ट आज 10 डॉलर की मिल रही है, वो अचानक 20 डॉलर की हो जाएगी। इसीलिए, सांसद ने साफ़ कहा है कि ट्रम्प की यह नीति दरअसल एक "एडिशनल सेल्स टैक्स" की तरह है जो अमेरिकियों को ही गरीब बनाएगी।

क्या राष्ट्रपति ऐसा कर सकते हैं? (Is it Legal?)

विवाद का सबसे बड़ा मुद्दा है क़ानून। उन अमेरिकी प्रतिनिधि ने चुनौती दी है कि राष्ट्रपति को अमेरिकी संविधान के तहत यह अधिकार ही नहीं है कि वो मनमर्जी से किसी देश पर इतना भारी टैरिफ लगा दें, जब तक कि कोई राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) या युद्ध जैसी स्थिति न हो।

सांसद का तर्क है कि महज़ करेंसी के इस्तेमाल को लेकर इतना बड़ा आर्थिक हमला करना 'अवैध' है और यह कोर्ट में टिक नहीं पाएगा। यह एक तरह से "दादागिरी" है जो खुद अमेरिका के नियमों के खिलाफ है।

इससे क्या फर्क पड़ेगा?

हम भारतीयों के लिए यह देखना दिलचस्प है कि अमेरिका के अंदर ही अब ऐसी आवाजें उठ रही हैं जो भारत के साथ व्यापारिक युद्ध (Trade War) के खिलाफ हैं। अगर ट्रम्प प्रशासन यह नियम लागू करता है, तो:

  1. महंगाई बढ़ेगी: अमेरिका में चीजों के दाम आसमान छूने लगेंगे।
  2. जवाबी कार्यवाही: भारत भी चुप नहीं बैठेगा और अमेरिकी सामानों पर टैक्स बढ़ा सकता है (जैसे बादाम, सेब आदि)।
  3. रिश्तों में खटास: दोनों देशों के रणनीतिक रिश्ते, जो चीन को काउंटर करने के लिए जरुरी हैं, कमजोर पड़ सकते हैं।

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