Rajasthan : शराब पीकर गाड़ी चलाई तो सीधा लाइसेंस कैंसिल, भजनलाल सरकार का एक्शन मोड, चलेगा विशेष अभियान

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News India Live, Digital Desk : राजस्थान में सड़क हादसों पर लगाम लगाने और लोगों की जान बचाने के लिए भजनलाल सरकार ने अब तक का सबसे सख्त कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगर कोई भी व्यक्ति शराब पीकर गाड़ी चलाते (Drunk Driving) हुए पकड़ा जाता है, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया जाएगा। सरकार इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए पूरे प्रदेश में 4 नवंबर से एक विशेष अभियान शुरू करने जा रही है।

CM ने की उच्च स्तरीय बैठक, दिए कड़े निर्देश

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को सड़क सुरक्षा को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उन्होंने प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

CM ने कहा, "शराब पीकर गाड़ी चलाना खुद की और दूसरों की जान को खतरे में डालना है। ऐसे मामलों में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। पहली बार में ही लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाए।"

4 नवंबर से शुरू होगा 'जीरो टॉलरेंस' अभियान

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद परिवहन और पुलिस विभाग मिलकर 4 नवंबर से पूरे राज्य में एक संयुक्त अभियान चलाएंगे। इस अभियान के तहत:

  • जगह-जगह होगी चेकिंग: प्रमुख सड़कों, राजमार्गों और संवेदनशील इलाकों में औचक चेकिंग की जाएगी।
  • ब्रेथ एनालाइजर का इस्तेमाल: शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की जांच के लिए ब्रेथ एनालाइजर का व्यापक उपयोग किया जाएगा।
  • तत्काल कार्रवाई: दोषी पाए जाने पर मौके पर ही चालान काटने के साथ-साथ लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
  • जागरूकता अभियान: इसके साथ ही लोगों को शराब पीकर गाड़ी न चलाने के खतरों के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा।

क्यों लिया गया यह सख्त फैसला?

राजस्थान में सड़क हादसे एक बड़ी समस्या हैं। आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में होने वाले कई घातक हादसों के पीछे शराब पीकर गाड़ी चलाना एक प्रमुख कारण होता है। सरकार का मानना है कि इस तरह के सख्त कदम उठाकर ही लोगों में कानून का डर पैदा किया जा सकता है और सड़क हादसों में कमी लाई जा सकती है।

अब यह देखना होगा कि सरकार का यह 'जीरो टॉलरेंस' अभियान कितना प्रभावी साबित होता है और लोग इसे कितनी गंभीरता से लेते हैं। लेकिन एक बात तो तय है कि अब राजस्थान में शराब की घूंट लगाकर स्टीयरिंग व्हील पकड़ना बहुत महंगा पड़ने वाला है।

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