Pausha Amavasya 2025 : पूर्वजों को याद करने का सबसे अच्छा दिन, इन 3 उपायों से मिलेगा आशीर्वाद और रुकेगा धन का खर्चा
News India Live, Digital Desk : हमारे हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि का बहुत गहरा महत्व है, लेकिन जब बात 'पौष महीने' की अमावस्या की आती है, तो यह और भी खास हो जाती है। इसे हम 'पितरों का दिन' भी कह सकते हैं।
क्या आपके साथ कभी ऐसा होता है कि आप मेहनत तो पूरी करते हैं, लेकिन रिजल्ट नहीं मिलता? या घर में बिना किसी बड़ी वजह के तनाव रहता है? बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि कई बार हमारे पूर्वज (पितृ) हमसे नाराज होते हैं या उनकी आत्मा को शांति नहीं मिली होती, जिसे ज्योतिष में 'पितृ दोष' कहा जाता है।
पौष अमावस्या वही मौका है, जब आप बहुत ही आसान तरीकों से अपने पितरों को खुश कर सकते हैं और अपनी लाइफ की 'ब्लॉकेज' हटा सकते हैं। आइए जानते हैं कि इस दिन आपको क्या करना चाहिए।
1. पवित्र नदी में स्नान का महत्व
मान्यता है कि इस दिन गंगा या किसी भी पवित्र नदी में नहाने से पाप धुल जाते हैं। लेकिन, अगर आप नदी पर नहीं जा सकते, तो निराश न हों। सुबह घर पर नहाते वक्त पानी की बाल्टी में थोड़ा सा गंगाजल मिला लें और मन में पवित्र नदियों का ध्यान करें। इतना काफी है।
2. पितरों को जल देना (तर्पण)
नहाने के बाद सूर्य देव को जल जरूर चढ़ाएं। लेकिन, अमावस्या पर पितरों के लिए 'तर्पण' करना सबसे जरूरी माना गया है। लोटे में जल, थोड़े काले तिल और सफेद फूल डालकर दक्षिण दिशा (South Direction) की तरफ मुंह करके पितरों को याद करें और जल अर्पित करें। कहा जाता है इससे उन्हें तृप्ति मिलती है।
3. पीपल के पेड़ की सेवा
यह उपाय बहुत कारगर माना जाता है। अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं। पीपल में देवताओं और पितरों का वास माना जाता है। हो सके तो परिक्रमा करें और अपनी गलतियों की माफी मांगें।
4. दान-पुण्य से मिलेगा आशीर्वाद
इस दिन किसी भूखे को खाना खिलाना सबसे बड़ा पुण्य है। आप गरीबों को कंबल या ऊनी कपड़े दान कर सकते हैं क्योंकि पौष का महीना ठंड का होता है। इसके अलावा, गाय, कुत्ते, कौवे और चीटियों के लिए भोजन जरूर निकालें। ये भोजन सीधे आपके पितरों तक पहुंचता है।
5. घर में शांति के लिए
अगर 'कालसर्प दोष' या 'पितृ दोष' की समस्या ज्यादा है, तो इस दिन किसी पंडित से बात करके छोटा-मोटा अनुष्ठान करवा सकते हैं। लेकिन अगर वो संभव न हो, तो बस दिल से अपने पूर्वजों को याद करें और उनसे सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
तो दोस्तों, पौष अमावस्या सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि अपने बड़ों को याद करने और उनका आशीर्वाद पाने का दिन है। मन में श्रद्धा रखें, आपके सारे बिगड़े काम जरूर संवर जाएंगे।
--Advertisement--