एक गलती आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकती है; सर्दियों का 'मूक खतरा'!
फेफड़ों का स्वास्थ्य: सर्दियों में शुष्क हवा, बढ़ता प्रदूषण और लगातार कम होता वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) - ये तीनों चीजें घर के अंदर की हवा की गुणवत्ता को काफी हद तक खराब कर देती हैं। ऐसे समय में एयर प्यूरीफायर का उपयोग अनिवार्य हो जाता है। हालांकि, कई लोगों को यह संदेह होता है कि क्या प्यूरीफायर को लगातार चालू रखने से घर में नमी कम हो जाती है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। इसी संदर्भ में, हमने विशेषज्ञों से इसका वैज्ञानिक स्पष्टीकरण जानने का प्रयास किया। मुंबई सेंट्रल स्थित वोकहार्ट हॉस्पिटल्स के कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. सुलेमान लधानी ने भी इस बात की पुष्टि की।
डॉ. लधानी ने कहा, “एयर प्यूरीफायर सीधे तौर पर नमी को कम नहीं करते, लेकिन अगर उन्हें बंद कमरे में तेज गति से चलाया जाए, तो वे कमरे की नमी को कम कर सकते हैं। कम नमी से नाक, गले और श्वसन तंत्र की अंदरूनी परत संवेदनशील हो सकती है। इससे सूखापन, दर्द, खांसी और आंखों में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। स्वच्छ हवा महत्वपूर्ण है, लेकिन फेफड़ों को सबसे ज्यादा स्वच्छ और थोड़ी नम हवा पसंद होती है।”
क्या मुझे प्यूरीफायर का उपयोग कम करना चाहिए?
डॉ. लधानी के अनुसार, जब वायुजल गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बहुत अधिक होता है, तो उन दिनों में वायु शोधक अत्यंत आवश्यक होते हैं, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा/एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए। उन्होंने कहा, “समाधान इन्हें बंद करना नहीं है; बल्कि इनका सही ढंग से उपयोग करना है। ऑटो मोड का उपयोग करें, कुछ घंटों बाद मशीन को बंद कर दें, और कमरे को पूरी तरह से बंद करके लंबे समय तक चलाने से बचें। सही आर्द्रता बनाए रखने के लिए वायु शोधक के साथ ह्यूमिडिफायर, पानी का कटोरा या गीला तौलिया भी इस्तेमाल किया जा सकता है। आदर्श रूप से, घर में आर्द्रता 40-60% के बीच होनी चाहिए।”
आपको कैसे पता चलेगा कि आपके घर की हवा बहुत शुष्क है?
लगातार गले में खराश, सुबह नाक से खून आना, सूखी खांसी, रूखी त्वचा या सांस की नली में जकड़न महसूस होना—ये सभी लक्षण हवा में नमी की कमी के संकेत हो सकते हैं।
डॉ. लधानी कहते हैं, "लोग इसके लिए प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन घर के अंदर की शुष्क हवा एक अनदेखा कारण है।"
हवा को अधिक स्वच्छ कैसे रखा जा सकता है?
अपने एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल सीमित करें; उन्हें हर समय 'टर्बो' मोड पर न रखें। कमरे में नमी बनाए रखें—ह्यूमिडिफायर, पानी का कटोरा या गीले तौलिये मददगार साबित हो सकते हैं। अपनी नाक को नमकीन पानी के स्प्रे से नम रखें। कम प्रदूषण वाले समय (सुबह) में खिड़कियाँ खोलकर हवा आने-जाने दें। जब वायुजल गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अधिक हो तो खिड़कियाँ/दरवाजे बंद रखें। प्यूरीफायर के फिल्टर की नियमित रूप से जाँच करें और उन्हें बदलें; फिल्टर जाम होने से उनकी कार्यक्षमता कम हो जाती है।
आपको और क्या याद रखना चाहिए?
घर में रखे जाने वाले पौधे एयर प्यूरीफायर या वेंटिलेशन का विकल्प नहीं हैं, लेकिन वे हवा में थोड़ी नमी जोड़कर कमरे को अधिक आरामदायक बना सकते हैं। डॉ. लधानी कहते हैं, "हालांकि वे उपयोगी हैं, उन्हें पूरक के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि मुख्य उपाय के रूप में।" बाहर की हवा कितनी भी प्रदूषित क्यों न हो, आपका घर सांस लेने के लिए अधिक सुरक्षित स्थान हो सकता है। डॉ. लधानी कहते हैं, "मुख्य बात स्वच्छ हवा और सही मात्रा में नमी का संतुलन बनाए रखना है। केवल स्वच्छ हवा ही पर्याप्त नहीं है; स्वच्छ और आरामदायक हवा आपके फेफड़ों के लिए सबसे अच्छी है।"
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. प्रश्न: क्या एयर प्यूरीफायर चलाने से घर में नमी वास्तव में कम होती है?
उत्तर: जी हां, प्रत्यक्ष रूप से नहीं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से। यदि किसी बंद कमरे में प्यूरीफायर को लगातार उच्च या टर्बो मोड पर चलाया जाए, तो हवा की नमी काफी कम हो जाती है। इससे नाक और गले में सूखापन, गले में खराश, खांसी और आंखों में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. सुलेमान लधानी भी इस बात से सहमत हैं।
2. प्रश्न: तो क्या प्रदूषण का स्तर अधिक होने पर हमें प्यूरीफायर बंद कर देना चाहिए?
उत्तर: बिलकुल नहीं! खासकर अगर आपके घर में बच्चे, बुजुर्ग या अस्थमा-एलर्जी के मरीज़ हैं, तो एयर प्यूरीफायर को बंद न करें। बस इसका सही इस्तेमाल करें: ऑटो मोड चालू करें,
कुछ घंटों तक चलाएं और फिर थोड़ी देर के लिए बंद कर दें।
कमरे को पूरी तरह से सील न करें।
इसके पास ह्यूमिडिफायर, पानी का कटोरा या गीला तौलिया रखें
। कमरे में नमी का स्तर 40-60 प्रतिशत बनाए रखें।
3. प्रश्न: आपको कैसे पता चलेगा कि आपके घर की हवा बहुत शुष्क है और आपको क्या करना चाहिए?
उत्तर: यदि आपको ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो इसका मतलब है कि आर्द्रता बहुत कम है: सुबह नाक से खून आना,
लगातार गले में खराश, सूखी खांसी,
बहुत शुष्क त्वचा,
और सांस लेने में घरघराहट।
उपाय: प्यूरीफायर को कम समय के लिए चलाएं,
ह्यूमिडिफायर या पानी का कटोरा रखें
, नाक में सेलाइन स्प्रे का प्रयोग करें,
सुबह जब वायुजल गुणवत्ता (AQI) कम हो तो 15-20 मिनट के लिए खिड़कियां खोलें
और घर में हरे पौधे रखें (ये थोड़ी नमी बढ़ाते हैं)।
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