अब दिव्यांगों का घर बसाएगी सरकार! शादी करने पर मिलेगा लाखों का 'शगुन' और सम्मान

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हर किसी का सपना होता है कि उसका एक सुंदर सा घर बसे, एक प्यार करने वाला जीवनसाथी हो। लेकिन हमारे दिव्यांग भाई-बहनों के लिए यह सपना अक्सर समाज की छोटी सोच और आर्थिक तंगी की वजह से अधूरा रह जाता है। उन्हें बेचारा या कमजोर समझकर कई बार शादी जैसे अहम फैसलों से भी दूर कर दिया जाता है, खासकर दिव्यांग महिलाओं को तो और भी भेदभाव झेलना पड़ता है।

लेकिन अब ऐसा नहीं होगा! महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐसी खूबसूरत पहल की है, जो न सिर्फ दिव्यांगों के घर बसाएगी, बल्कि उन्हें समाज में बराबरी का सम्मान भी दिलाएगी। सरकार ने उनकी शादी के लिए लाखों रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का एक बड़ा ऐलान किया है।

सरकार की ओर से मिलेगा नई जिंदगी का तोहफा

यह योजना सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि एक आशीर्वाद है। सरकार ने दिव्यांगों की शादी को बढ़ावा देने के लिए दो तरह की मदद देने का फैसला किया है:

  1. दिव्यांग और सामान्य (बिना दिव्यांगता वाले) की शादी पर: अगर कोई दिव्यांग युवक या युवती, किसी ऐसे जीवनसाथी से शादी करता है जिसे कोई दिव्यांगता नहीं है, तो सरकार इस खूबसूरत जोड़ी को ₹1.50 लाख का तोहफा देगी।
  2. जब दूल्हा और दुल्हन दोनों दिव्यांग हों: अगर दूल्हा और दुल्हन, दोनों ही दिव्यांग हैं, तो सरकार उन्हें नई जिंदगी की शुरुआत करने के लिए ₹2.50 लाख की प्रोत्साहन राशि देगी।

यह सिर्फ एक बार की मदद नहीं, भविष्य की सुरक्षा भी है

सरकार ने इस बात का भी पूरा ध्यान रखा है कि यह पैसा फिजूलखर्ची में न उड़ जाए। इस राशि का 50% हिस्सा 5 साल के लिए पति-पत्नी के नाम पर एक फिक्स्ड डिपाजिट (FD) में जमा करना अनिवार्य होगा। इसका मतलब यह है कि यह योजना न सिर्फ आपकी शादी में मदद कर रही है, बल्कि आपके आने वाले कल को भी आर्थिक रूप से सुरक्षित बना रही है।

क्यों है यह योजना इतनी खास?

यह योजना सिर्फ पैसा नहीं दे रही, बल्कि समाज की उस पुरानी और गलत सोच पर भी चोट कर रही है जो दिव्यांगों को कमजोर मानती है। यह पहल उन्हें यह हिम्मत और भरोसा देती है कि वे भी एक सामान्य और खुशहाल वैवाहिक जीवन जी सकते हैं। सरकार का यह कदम उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और उनके स्वाभिमान को बढ़ाने की एक ईमानदार कोशिश है।

तो कौन और कैसे उठा सकता है इसका फायदा? (पात्रता और शर्तें)

सरकार ने इस योजना के लिए कुछ सरल शर्तें रखी हैं:

  • सबसे जरूरी शर्त: वर या वधू में से कोई एक कम से कम 40% दिव्यांग होना चाहिए और उनके पास इसका वैध UDID कार्ड होना जरूरी है।
  • निवास: दोनों में से कोई एक महाराष्ट्र का रहने वाला होना चाहिए।
  • पहली शादी: यह दूल्हा और दुल्हन, दोनों की पहली शादी होनी चाहिए।
  • कानूनी मान्यता: शादी कानूनी रूप से रजिस्टर्ड होनी चाहिए।
  • समय सीमा: आपको शादी के एक साल के अंदर इस योजना के लिए आवेदन करना होगा।

आवेदन के लिए कौन-कौन से कागज लगेंगे?

  • 40% दिव्यांगता का प्रमाण पत्र (UDID कार्ड)
  • महाराष्ट्र का निवासी होने का प्रमाण पत्र
  • शादी का सर्टिफिकेट
  • आधार कार्ड
  • दोनों का जॉइंट बैंक खाता नंबर

यह योजना सिर्फ एक सरकारी मदद नहीं, बल्कि दिव्यांगों के स्वाभिमान और उनके सपनों को दिया गया सम्मान है। यह इस बात का सबूत है कि जब सरकार और समाज मिलकर एक कदम बढ़ाते हैं, तो हर जिंदगी खूबसूरत बन सकती है।

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