PM Kisan के बाद, मोदी सरकार का किसानों को सबसे बड़ा तोहफा! अब बदलेगी 100 जिलों की किस्मत
देश के करोड़ों किसानों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त का इंतजार तो आप कर ही रहे हैं, लेकिन उससे पहले ही सरकार ने एक ऐसी "महा-योजना" शुरू की है, जो आने वाले समय में खेती की तस्वीर बदल सकती है। इस योजना का नाम है - 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना'।
सरकार इस योजना पर हर साल ₹24,000 करोड़ खर्च करने वाली है, जिससे देश के करीब 1.7 करोड़ किसानों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी है।
तो आखिर क्या है यह 'धन-धान्य' योजना?
इसे आसान भाषा में समझिए। अब तक किसानों के लिए अलग-अलग मंत्रालय की ढेरों योजनाएं चलती थीं, जैसे - सिंचाई के लिए अलग, बीज के लिए अलग, पशुपालन के लिए अलग। किसानों को हर काम के लिए अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे।
अब सरकार ने 11 मंत्रालयों की 36 से ज्यादा योजनाओं को एक साथ जोड़कर यह एक महा-योजना बना दी है। इसका मतलब है कि अब किसानों को भटकना नहीं पड़ेगा, बल्कि उनकी हर जरूरत का समाधान एक ही जगह, एक ही योजना के तहत किया जाएगा।
क्या इस योजना का पैसा सीधे खाते में आएगा?
नहीं, और यही इस योजना की सबसे खास बात है। यह योजना आपके खाते में सीधे पैसे नहीं डालेगी, बल्कि यह आपके पूरे जिले की किस्मत बदलने वाली योजना है। सरकार ने इस योजना के लिए देश के 100 सबसे पिछड़े जिलों को चुना है, जहाँ खेती की हालत बहुत अच्छी नहीं है।
सरकार इन 100 जिलों में पानी, बिजली, सिंचाई के साधन, फसल रखने के लिए गोदाम (स्टोरेज) और खेती की नई तकनीकों पर काम करेगी। जब पूरे इलाके का विकास होगा, तो हर किसान को इसका फायदा अपने-आप मिलेगा।
किन जिलों को चुना जाएगा और क्यों?
सरकार उन जिलों को चुनेगी, जहाँ:
- फसल की पैदावार बहुत कम है।
- किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाओं का बहुत कम फायदा उठाया है।
किसानों को असल में क्या-क्या फायदा मिलेगा?
इस योजना का मकसद सिर्फ धान-गेहूं की खेती को बढ़ाना नहीं है, बल्कि किसानों की आमदनी को चारों तरफ से बढ़ाना है:
- नई तरह की खेती: किसानों को सिर्फ पारंपरिक फसलें ही नहीं, बल्कि मौसम के हिसाब से दूसरी फायदेमंद फसलें उगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
- पशुपालन से कमाई: खेती के साथ-साथ बकरी पालन, मुर्गी पालन जैसे कामों को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि किसान अतिरिक्त कमाई कर सकें।
- छोटे-मोटे उद्योग: फसल कटाई के बाद, किसान अपने गांव में ही छोटे स्तर के उद्योग (जैसे अचार बनाना, चिप्स बनाना, दाल मिल) शुरू कर सकें, इसके लिए भी मदद की जाएगी।
- आधुनिक खेती: खेती में ड्रोन, नए बीज और नई मशीनों का इस्तेमाल कैसे करें, इसकी ट्रेनिंग और सुविधाएं दी जाएंगी।
यह योजना किसानों को सिर्फ 'अन्नदाता' नहीं, बल्कि 'ऊर्जादाता' और 'बिजनेसमैन' बनाने की एक बड़ी कोशिश है। यह एक लंबा प्लान है, जिसका असर धीरे-धीरे, लेकिन बहुत मजबूती से दिखेगा।
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