Muzaffarpur Gaighat Death Controversy : एक मौतऔर दो दावे ,गायघाट में युवक की मौत पर क्यों भिड़े चिराग पासवान और प्रशासन?

Post

News India Live, Digital Desk: Muzaffarpur Gaighat Death Controversy : मुजफ्फरपुर के गायघाट इलाके में एक युवक की मौत ने सियासी भूचाल ला दिया है। एक तरफ जहां लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान इसे सीधे-सीधे चुनावी रंजिश में की गई 'राजनीतिक हत्या' बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन किसी भी राजनीतिक एंगल से साफ इनकार कर रहा है। इस घटना को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है, जिससे यह मौत एक बड़ी पहेली बन गई है।

क्या है पूरा मामला?

गायघाट थाना क्षेत्र के रहने वाले 22 वर्षीय युवक राजा कुमार का शव हाल ही में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। राजा, चिराग पासवान की पार्टी का एक सक्रिय कार्यकर्ता बताया जा रहा है। शव मिलने के बाद से ही इलाके में तनाव का माहौल है। चिराग पासवान ने तुरंत इस मामले में मोर्चा खोल दिया और दावा किया कि राजा की हत्या चुनावी रंजिश की वजह से की गई है, क्योंकि वह उनकी पार्टी के लिए काम कर रहा था।

चिराग पासवान का सनसनीखेज आरोप

चिराग पासवान ने इस घटना को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके कार्यकर्ता को सिर्फ इसलिए मार दिया गया क्योंकि वह चुनाव में उनकी पार्टी का समर्थन कर रहा था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "मेरे कार्यकर्ता राजा की हत्या कर दी गई... सत्ता के दबाव में प्रशासन लीपापोती में जुट गया है।" चिराग ने यह भी चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने सही से काम नहीं किया तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। वह पीड़ित परिवार से मिलने भी पहुंचे और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया।

क्या कह रहा है जिला प्रशासन?

वहीं, मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी (DM) सुब्रत कुमार सेन ने चिराग पासवान के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने मीडिया को बताया कि शुरुआती जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मामला हत्या का नहीं लग रहा है।

  • DM का दावा: डीएम ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर पर कोई बाहरी या अंदरूनी चोट के निशान नहीं मिले हैं। मौत का कारण स्पष्ट नहीं है, इसलिए विसरा को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।
  • 'आपसी रंजिश' का एंगल: प्रशासन का कहना है कि यह मामला दो युवकों के बीच किसी पुराने व्यक्तिगत विवाद से जुड़ा हो सकता है, इसका राजनीति या चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में भी लिया है और पूछताछ जारी है।

सच क्या है?

एक तरफ एक राष्ट्रीय पार्टी का अध्यक्ष इसे 'राजनीतिक हत्या' बता रहा है, तो दूसरी तरफ जिले का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी इसे 'आपसी रंजिश' का मामला बताकर राजनीतिक एंगल को नकार रहा है। इन दो अलग-अलग दावों के बीच राजा कुमार की मौत का सच उलझ गया है। अब सभी की निगाहें विसरा रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे शायद यह साफ हो सकेगा कि यह मौत एक दुखद हादसा थी, आपसी रंजिश का नतीजा, या फिर जैसा कि चिराग पासवान आरोप लगा रहे हैं- एक सोची-समझी राजनीतिक साज़िश।

--Advertisement--