Minor student commits suicide in Jaipur: ब्लैकमेलिंग का शिकार होकर खाया ज़हर पुलिस जांच शुरू
News India Live, Digital Desk: Minor student commits suicide in Jaipur: राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक बेहद दिल दहला देने वाली और चिंताजनक घटना सामने आई है, जहाँ ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर एक चौदह वर्षीय किशोर ने अपने पिता की आंखों के सामने ज़हर पीकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने एक परिवार के सपनों को उजाड़ दिया है और साइबर अपराधों के बढ़ते दुष्प्रभाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह मार्मिक घटना जयपुर के सांगानेर थाना क्षेत्र से जुड़ी है। बताया जा रहा है कि एक 14 साल का बच्चा जो नौवीं कक्षा में पढ़ रहा था, कुछ समय से बेहद मानसिक तनाव में था। उसके पिता, जो एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, ने भी बच्चे के व्यवहार में बदलाव महसूस किया था, लेकिन वे समस्या की गंभीरता से पूरी तरह अनजान थे।
मिली जानकारी के अनुसार, इस बच्चे को कुछ लड़के लगातार परेशान कर रहे थे और उसे ब्लैकमेल कर रहे थे। उन्होंने बच्चे से पचास हजार रुपये की बड़ी रकम की मांग की थी। इतना ही नहीं, धमकाने वालों ने उसे एक भयावह धमकी भी दी थी। वे धमकी दे रहे थे कि यदि पैसा नहीं दिया गया, तो वे लड़के की कोई आपत्तिजनक या 'गंदी' तस्वीर या वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे। यह धमकी लड़के के लिए असहनीय हो गई और वह मानसिक रूप से बुरी तरह टूट गया। उसे डर था कि अगर ऐसी कोई सामग्री सार्वजनिक हो गई तो उसकी जिंदगी और परिवार की प्रतिष्ठा दोनों तबाह हो जाएंगी।
इसी मानसिक पीड़ा और दबाव में आकर, लगभग आधी रात का समय था जब लड़के ने अपने पिता की आंखों के सामने कोई जहरीला पदार्थ खा लिया। अपने बेटे को ऐसा करते देख परिवार में चीख-पुकार मच गई। उसे तुरंत स्थानीय लोगों की मदद से पास के एसएमएस अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने की भरसक कोशिश की। लेकिन ज़हर का असर इतना गहरा था कि इलाज के दौरान ही उसकी दुखद मृत्यु हो गई।
बेटे की मौत के बाद, सदमे में डूबे पिता ने पुलिस को आपबीती सुनाई और पूरे मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह उनके बेटे को ब्लैकमेल किया जा रहा था और इसी के कारण उसने यह भयावह कदम उठाया। पिता ने तत्काल इस ब्लैकमेलिंग और अपनी बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार चार लड़कों के खिलाफ स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और चारों आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। यह घटना साइबर खतरों से बच्चों की सुरक्षा और उनके मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालती है।
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