ममता बनर्जी का रौद्र रूप बाबरी की बात करने वाले विधायक को भरी मीटिंग में किया सस्पेंड
News India Live, Digital Desk : पश्चिम बंगाल की राजनीति और मुख्यमंत्री Mamata Banerjee (दीदी) का गुस्सा... ये दोनों ही कब क्या मोड़ ले लें, कोई नहीं जानता। दीदी अपनी पार्टी में अनुशासन को लेकर कितनी सख्त हैं, इसका ताज़ा नमूना आज देखने को मिला।
खबर मुर्शिदाबाद से टीएमसी विधायक Humayun Kabir को लेकर है। इन जनाब ने पिछले कुछ दिनों से बगावती सुर अपना रखे थे और कुछ ऐसे बयान दे रहे थे जिससे माहौल खराब हो सकता था। बस फिर क्या था, ममता बनर्जी ने न आव देखा न ताव, भरी मीटिंग में उन्हें उनकी जगह दिखा दी और पार्टी से सस्पेंड (Suspended) कर दिया।
आइए, आसान भाषा में जानते हैं कि आखिर हुमायूं कबीर ने ऐसा क्या कह दिया था कि ममता बनर्जी का पारा सातवें आसमान पर पहुँच गया।
“मैं औरंगजेब का बेटा हूँ”विधायक के बिगड़े बोल
दरअसल, भरतपुर (मुर्शिदाबाद) के विधायक हुमायूं कबीर ने हाल ही में कुछ बेहद विवादित बातें कही थीं। उन्होंने एक जनसभा में कसम खाई थी कि वह "बाबरी मस्जिद जैसी हज़ारों मस्जिदें बनाएंगे।" इतना ही नहीं, उन्होंने खुद को "औरंगजेब का बेटा" तक बता डाला था।
यह बयान सांप्रदायिक तौर पर बेहद संवेदनशील था। इसके अलावा, वह अपनी ही पार्टी के नंबर-2 नेता Abhishek Banerjee और पुलिस प्रशासन के खिलाफ लगातार जहर उगल रहे थे। उन्होंने धमकी दी थी कि वह लोकसभा चुनाव में अपनी अलग पार्टी बनाएंगे और टीएमसी को हराएंगे।
मीटिंग में क्या हुआ? (Insdie Story)
ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद जिले की समीक्षा बैठक बुलाई थी। जैसे ही हुमायूं कबीर ने बोलने के लिए माइक थामने की कोशिश की, ममता ने उन्हें वहीं रोक दिया।
सूत्रों के मुताबिक़, ममता ने सख्त लहजे में कहा बैठ जाओ! एक शब्द मत बोलना। तुम क्या सोच रहे हो? मैं कमजोर हूँ? मैं सब जानती हूँ तुम क्या खेल रहे हो। पार्टी विरोधी बातें और सांप्रदायिक बयान मैं कतई बर्दाश्त नहीं करुंगी।"
ममता इतनी गुस्से में थीं कि उन्होंने साफ कह दिया कि अब तुम्हारी मनमानी नहीं चलेगी। उन्होंने तुरंत निर्देश दिया और कबीर को पार्टी से सस्पेंड (निलंबित) कर दिया। दीदी ने यह संदेश दे दिया कि बंगाल में धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के लिए उनकी पार्टी में कोई जगह नहीं है, चाहे वह उनका अपना विधायक ही क्यों न हो।
बाकियों को भी कड़ा संदेश
इस कार्रवाई से टीएमसी के उन नेताओं में खलबली मच गई है जो गुटबाजी में लगे हुए थे। ममता ने मीटिंग में साफ कर दिया कि पार्टी में एक ही नियम चलेगा अनुशासन।
हुमायूं कबीर के लिए यह एक बड़ा झटका है। वे सोच रहे थे कि शायद बगावत करके वे अपनी मांगें मनवा लेंगे, लेकिन 'दीदी' ने उल्टे पांव उनकी छुट्टी कर दी।
पब्लिक का मूड
आम जनता ममता बनर्जी के इस कदम की तारीफ कर रही है। लोग कह रहे हैं कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन "बाबरी" और "औरंगजेब" जैसे मुद्दों को उठाकर समाज में जहर घोलना गलत है। सीएम ने सही समय पर सही फैसला लिया है।
अब देखना होगा कि हुमायूं कबीर का अगला कदम क्या होता है। क्या वो माफी मांगेंगे या सच में कोई नई मुसीबत खड़ी करेंगे? जो भी हो, आज का दिन ममता बनर्जी के तेवरों के नाम रहा!
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