दिल्ली के प्रदूषण पर सीएम रेखा गुप्ता ने बोल दी वो बात, जो शायद आपको कड़वी लगे

Post

News India Live, Digital Desk : सुबह घर से निकलते ही आंखों में जलन और गले में खराश आजकल हमारी और आपकी दिनचर्या यही बन गई है। हम हर साल इंतज़ार करते हैं कि कब वो दिन आएगा जब हम दिल्ली की खुली हवा में गहरी सांस ले पाएंगे। सरकारें बदलती हैं, वादे बदलते हैं, लेकिन यह धुएं का गुबार नहीं छंटता।

हाल ही में 'हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट' (HT Leadership Summit) के मंच पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने शिरकत की। वहां उन्होंने प्रदूषण को लेकर एक बहुत ही ईमानदार और सीधी बात कही, जिसे सुनकर शायद कुछ लोगों को निराशा हो, लेकिन यह एक कड़वी सच्चाई भी है।

आइए, बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं कि सीएम ने क्या कहा और दिल्ली की हवा को लेकर सरकार की क्या प्लानिंग है।

"यह कोई एक दिन का काम नहीं है"

हम अक्सर सोचते हैं कि सरकार कड़ा कानून बनाएगी और अगले दिन आसमान नीला हो जाएगा। सीएम रेखा गुप्ता ने इसी गलतफहमी को दूर किया। उन्होंने मंच से साफ़ कहा "प्रदूषण की समस्या को एक दिन में ख़त्म नहीं किया जा सकता।"

उनका कहना था कि दिल्ली में प्रदूषण की जड़ें बहुत गहरी हैं। यह सिर्फ पराली या दिवाली के पटाखों की बात नहीं है। यह सालों से जमा हुई धूल, गाड़ियों का धुआं और औद्योगिक कचरे का नतीजा है। जैसे बीमारी एक दिन में नहीं आती, वैसे ही इसका इलाज भी रातों-रात (Overnight) मुमकिन नहीं है।

इच्छाशक्ति की कमी नहीं, वक्त चाहिए

सीएम ने माना कि पहले इच्छाशक्ति (Will Power) की कमी रही होगी, लेकिन अब सरकार पूरी ताकत से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम लॉन्ग-टर्म प्लान पर काम कर रहे हैं।

  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट: सरकार बसों की संख्या बढ़ा रही है ताकि लोग अपनी कारों को छोड़कर मेट्रो और बस का इस्तेमाल करें।
  • डस्ट कंट्रोल: सड़कों की धूल को उड़ने से रोकने के लिए मशीनों और छिड़काव का इंतजाम किया जा रहा है।
  • इलेक्ट्रिक वाहन: ई-वाहन पॉलिसी को बढ़ावा दिया जा रहा है।

"अकेले सरकार कुछ नहीं कर सकती"

रेखा गुप्ता ने एक बहुत महत्वपूर्ण बात कही जनभागीदारी
उन्होंने कहा कि जब तक दिल्ली का हर नागरिक यह नहीं ठान लेगा कि उसे प्रदूषण कम करना है, तब तक कोई भी नियम काम नहीं करेगा। रेड लाइट पर गाड़ी बंद करना, कचरा न जलाना और कंस्ट्रक्शन नियमों का पालन करना ये छोटी-छोटी जिम्मेदारियां हमें ही निभानी होंगी। सिर्फ सरकार को कोसने से फेफड़े साफ़ नहीं होंगे।

आरोप-प्रत्यारोप का खेल खत्म?

अक्सर हम देखते हैं कि दिल्ली सरकार हरियाणा या पंजाब पर दोष मढ़ती थी। लेकिन इस बार सीएम का रुख थोड़ा सुलझा हुआ दिखा। उन्होंने माना कि यह एक साझा समस्या है और सभी राज्यों को मिलकर ही इससे निपटना होगा। लड़ाई धुएं से है, पड़ोसी राज्यों से नहीं।

--Advertisement--