रातभर बस करवटें बदलते रहते हैं? अच्छी नींद पाने के ये नैचुरल तरीके जो आपको फिर से चैन से सोना सिखा देंगे
News India Live, Digital Desk : आज के इस भागदौड़ भरे वक्त में हम सब कुछ हासिल करना चाहते हैं, लेकिन एक चीज़ जो हम धीरे-धीरे खोते जा रहे हैं, वो है'सुकून की नींद'। क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि आप थकान से चूर होकर बिस्तर पर लेटते हैं, लेकिन जैसे ही आँखें बंद करते हैं, दिमाग में विचारों का मेला लग जाता है? या फिर घंटों मोबाइल स्क्रीन स्क्रॉल करने के बाद जब फोन रखते हैं, तो नींद गायब हो चुकी होती है?
अगर हाँ, तो यकीन मानिए आप अकेले नहीं हैं। अच्छी नींद कोई विलासिता (Luxury) नहीं, बल्कि हमारे शरीर की सबसे बुनियादी ज़रूरत है। अच्छी खबर ये है कि इसके लिए आपको दवाओं की ज़रूरत नहीं है। बस अपनी दिनचर्या में कुछ छोटे-छोटे और प्राकृतिक बदलाव करके आप खोई हुई नींद वापस पा सकते हैं।
1. 'डिजिटल डिटॉक्स' को मज़ाक में न लें
हम में से ज़्यादातर लोग सोने से ठीक पहले अपना फोन चेक करते हैं। इस नीली रोशनी (Blue Light) से हमारा दिमाग ये समझ लेता है कि अभी दिन ही चल रहा है और सोने वाला हार्मोन 'मेलाटोनिन' बनना बंद हो जाता है। कोशिश करें कि सोने से कम से कम 1 घंटे पहले फोन को खुद से दूर कर दें। इसकी जगह कोई हल्की-फुल्की किताब पढ़ें।
2. माहौल बनाना बहुत ज़रूरी है
हमारा शरीर ठंडे और अंधेरे कमरे में बेहतर सो पाता है। अपने कमरे को साफ़-सुथरा रखें और लाइट्स धीमी कर दें। आप चाहें तो सोने से पहले पैरों को हल्के गुनगुने पानी से धो सकते हैं या अपनी पसंद की कोई शांत म्यूजिक (जैसे बारिश की आवाज़) सुन सकते हैं। ये आपके नर्वस सिस्टम को मैसेज देता है कि अब 'आराम का समय' है।
3. खाने-पीने की टाइमिंग पर ध्यान दें
सोने से ठीक पहले बहुत भारी खाना या देर रात की कैफीन (चाय-कॉफी) नींद के सबसे बड़े दुश्मन हैं। अगर रात में भूख लगे, तो एक गिलास गुनगुना दूध लें। इसमें मौजूद तत्व आपके दिमाग को शांत करने में मदद करते हैं। साथ ही, शराब के सेवन से भी बचें क्योंकि ये शुरू में नींद तो ला सकती है, लेकिन बीच रात में आपकी नींद ख़राब करने की मुख्य वजह बन जाती है।
4. 4-7-8 तकनीक आज़माएं
जब दिमाग बहुत तेज़ चल रहा हो, तो गहरी साँसें लेना सबसे बड़ा इलाज है। नाक से 4 सेकंड तक साँस अंदर लें, 7 सेकंड तक रोकें और 8 सेकंड तक धीरे-धीरे मुँह से बाहर छोड़ें। ये एक कुदरती ट्रैंक्विलाइज़र (Natural Tranquilizer) की तरह काम करता है और आपको मिनटों में शांत कर देता है।
5. एक तय समय बनाएँ
हमारा शरीर एक 'इंटरनल क्लॉक' पर काम करता है। अगर आप रोज़ाना एक ही समय पर सोते और जागते हैं (यहाँ तक कि संडे को भी), तो आपका दिमाग अपने आप उस समय थका हुआ महसूस करने लगेगा। अनुशासन ही गहरी नींद की सबसे पहली सीढ़ी है।
अंतिम बात
नींद की कमी सिर्फ आँखों के नीचे काले घेरे ही नहीं लाती, बल्कि ये हमारे मानसिक स्वास्थ्य और काम की क्षमता को भी प्रभावित करती है। अगर आप आज रात से ही अपनी स्क्रीन बंद करके थोड़ा सुकून तलाशने की कोशिश करेंगे, तो कल की सुबह यकीनन ताज़गी भरी होगी।
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