Jharkhand Paper Leak : हाईकोर्ट ने लिया सख़्त रुख, जांच की धीमी रफ़्तार से नाराज़ चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान
News India Live, Digital Desk: ज़रा सोचिए, जब लाखों छात्र एक परीक्षा के लिए सालों-साल तैयारी करते हैं, अपनी नींद, अपने खाने और अपने सभी मनोरंजन को त्याग देते हैं, और फिर एक पेपर लीक होने से उनके सारे सपने मिट्टी में मिल जाते हैं. ऐसे में अगर जाँच भी कछुए की चाल से चले, तो उनके दिल पर क्या गुज़रती होगी? झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने इसी मुद्दे पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया है कि जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक मामले की जाँच बहुत तेज़ी से होनी चाहिए थी, लेकिन जिस धीमी गति से यह चल रही है, उससे वह बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं.
चीफ जस्टिस की यह टिप्पणी राज्य सरकार और जाँच एजेंसियों के लिए एक बड़ी चेतावनी है. उन्होंने स्पष्ट रूप से संकेत दिया कि यदि जांच की प्रगति में सुधार नहीं होता है, तो मामले की जाँच किसी अन्य केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जा सकती है, यानी सीबीआई जाँच भी हो सकती है. यह एक बहुत बड़ा कदम होगा, और यह उन सभी छात्रों के लिए उम्मीद की एक किरण है जो इस मामले में निष्पक्ष और तेज़ जाँच चाहते हैं.
यह पूरा मामला सिर्फ़ कुछ पेपर लीक होने का नहीं, बल्कि झारखंड के युवाओं के भविष्य, राज्य की प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता और सरकारी नौकरियों पर भरोसे का भी सवाल है. हर योग्य उम्मीदवार यह उम्मीद करता है कि उसे बिना किसी धोखाधड़ी के, अपनी मेहनत से नौकरी मिलेगी.
कोर्ट ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि बार-बार ऐसी घटनाओं का होना युवाओं में निराशा पैदा करता है और सिस्टम पर से उनका भरोसा कम करता है. यह दिखाता है कि न्यायपालिका इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रही है.
अब सरकार और जाँच एजेंसियों को हाई कोर्ट की इस सख़्ती को समझना होगा और पेपर लीक मामले की जाँच में तेज़ी लानी होगी. हम उम्मीद करते हैं कि छात्रों को जल्द से जल्द न्याय मिलेगा और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी.
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