इसरो की महत्वाकांक्षी योजना: सबसे भारी उपग्रह लॉन्च करने के बाद मार्च 2026 तक 7 मिशन पूरे करेगा

Post

इसरो मिशन: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाल ही में LVM3 रॉकेट की मदद से सबसे भारी उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है। इस सफलता के बाद, इसरो और तेज़ी से काम करने लगा है। उसने मार्च 2026 से पहले 7 महत्वपूर्ण मिशन पूरे करने की योजना बनाई है। इन मिशनों में मानव अंतरिक्ष यात्रा, उपग्रह प्रक्षेपण और रॉकेट परीक्षण शामिल हैं। इसके साथ ही भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाएगा।

ये 7 मिशन क्या हैं और इनका महत्व क्या है?

1) G1 मिशन: यह गगनयान कार्यक्रम की पहली परीक्षण उड़ान है। इसमें बिना चालक दल के उड़ान परीक्षण किया जाएगा। क्रू मॉड्यूल, जीवन रक्षक प्रणाली और पृथ्वी पर वापस लौटने की क्षमता का परीक्षण किया जाएगा। मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेजने से पहले यह परीक्षण आवश्यक है।

2) जी2 मिशन: जी1 की सफलता के बाद, दूसरा बिना चालक दल का परीक्षण होगा। चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने, नई तकनीक जोड़ने और उड़ान विश्वसनीयता का परीक्षण करने के लिए सुधार किए जाएँगे।

3) जी3 मिशन: जी2 के बाद तीसरा मानवरहित परीक्षण होगा। यह मानवयुक्त मिशन के प्रक्षेपण की तैयारी का परीक्षण करेगा।

4) गगनयान मिशन: तीन परीक्षणों के बाद, अंतिम मिशन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजेगा। वे तीन दिनों तक परिक्रमा करेंगे। यह भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन होगा, जो भारत को अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों से जोड़ेगा।

5) एसएसएलवी-डी3 मिशन: लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान की तीसरी विकासात्मक उड़ान। इसका उद्देश्य कम लागत पर छोटे उपग्रहों का प्रक्षेपण करना है। इसकी गतिशीलता और युद्धकालीन उपयोग का परीक्षण किया जाएगा।

6) इनसैट-3डीएस मिशन: अगली पीढ़ी का मौसम उपग्रह। अधिक सटीक पूर्वानुमान, प्राकृतिक आपदा चेतावनी और जलवायु निगरानी के लिए उपयोगी होगा।

7) पीएसएलवी-सी60 मिशन: यह ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान एक साथ कई उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा। यह पृथ्वी अवलोकन, सुदूर संवेदन और वैज्ञानिक अनुसंधान में मदद करेगा।

ये मिशन महत्वपूर्ण क्यों हैं?

गगनयान भारत को मानव अंतरिक्ष यात्रा में आत्मनिर्भर बनाएगा। उपग्रह मिशन मौसम पूर्वानुमान और वाणिज्यिक सेवाओं में मदद करेंगे। एसएसएलवी और पीएसएलवी छोटे और बड़े मिशनों के लिए रॉकेट की क्षमता बढ़ाएंगे।

भविष्य की योजनाएँ क्या हैं?

इसरो के अध्यक्ष वी. नारायण के अनुसार, श्रीहरिकोटा में गगनयान के लिए हार्डवेयर एकीकरण का काम चल रहा है। अगले 5 वर्षों में लगभग 50 रॉकेट लॉन्च किए जाएँगे। भारत कम लागत में ज़्यादा से ज़्यादा सटीक मिशनों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह मिशन भारत को अंतरिक्ष में एक मज़बूत स्थिति प्रदान करेगा। इसरो की यह योजना देश के वैज्ञानिक विकास का प्रतीक है।

--Advertisement--

--Advertisement--