Indian Politics : मेरा दिमाग हर महीने 200 करोड़ का है , नितिन गडकरी ने क्यों दिया यह बयान और बेटों के बिजनेस पर क्या बोले?
News India Live, Digital Desk: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपने बेबाक अंदाज और काम करने के जुनून के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। उन्होंने मजाकिया लेकिन उतने ही आत्मविश्वास भरे लहजे में कहा, "मेरा दिमाग हर महीने 200 करोड़ रुपये का है।"
यह बयान सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन इसके पीछे उनका एक गहरा संदेश छिपा था। वह असल में अपने काम, अपने ज्ञान और अपनी सोच की कीमत बता रहे थे। उनका कहने का मतलब था कि वह अपने पद का इस्तेमाल पैसे बनाने के लिए नहीं करते, बल्कि देश की सेवा और विकास के लिए करते हैं।
"मेरे बेटे विधायक या सांसद नहीं, अपना काम करते हैं"
अक्सर नेताओं पर परिवारवाद के आरोप लगते हैं, लेकिन गडकरी ने इस मुद्दे पर भी खुलकर बात की। उन्होंने साफ किया कि उनके दोनों बेटे राजनीति में नहीं हैं और न ही वे कोई सरकारी ठेकेदार हैं। उन्होंने गर्व से बताया कि वे अपना खुद का व्यवसाय चलाते हैं।
गडकरी ने अपने बेटों के काम का जिक्र करते हुए कहा कि उनका एक बेटा बायो-एथेनॉल पंप का काम करता है। उन्होंने बताया कि अब तक वह 170 बायो-एथेनॉल पंप खोल चुका है और भविष्य में इसे और बढ़ाने की योजना है। उनके दूसरे बेटे के पास करीब 4,000 कंटेनरों का बेड़ा है और वह भी अपना व्यवसाय संभालता है। गडकरी ने जोर देकर कहा, "मैंने उन्हें साफ कह दिया है कि मेरी गाड़ी या मेरे घर का इस्तेमाल नहीं करना है, अपना काम खुद करो।"
एथेनॉल को लेकर क्यों इतने जुनूनी हैं गडकरी?
नितिन गडकरी हमेशा से पेट्रोल-डीजल पर देश की निर्भरता कम करने की वकालत करते रहे हैं। वे एथेनॉल को भविष्य का ईंधन मानते हैं। उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि देश में पेट्रोल की खपत को 'शून्य' कर दिया जाए। उनका मानना है कि किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं, बल्कि ऊर्जादाता भी बन सकता है। गन्ने, मक्के और चावल जैसे उत्पादों से एथेनॉल बनाकर न केवल पर्यावरण को बचाया जा सकता है, बल्कि देश का हजारों करोड़ रुपया भी बचेगा जो हम तेल खरीदने पर खर्च करते हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे एथेनॉल को इसलिए बढ़ावा नहीं दे रहे हैं क्योंकि उनके बेटे का इससे जुड़ा व्यवसाय है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के हित में है।
नितिन गडकरी का यह बयान उस सोच को दिखाता है जहां एक नेता अपने काम को पैसे से ऊपर रखता है और अपने परिवार को राजनीति से दूर रखकर एक मिसाल पेश करना चाहता है।
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