India's strong Reply in UN: पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ खुद ही चरमपंथ में डूबा
News India Live, Digital Desk: India's strong Reply in UN: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान की पोल खोलते हुए उसे "चरमपंथ और आतंकवाद" में गहराई तक डूबा हुआ देश बताया है। भारत ने दृढ़ता से कहा कि पाकिस्तान अपने भीतर पनप रहे आतंकवाद और असहिष्णुता की समस्या को देखे, बजाय इसके कि वह लगातार पड़ोसी देशों के आंतरिक मामलों में दखल दे और दुष्प्रचार फैलाए। भारत की तरफ से दिए गए इस करारे जवाब में पाकिस्तान की विदेश नीति पर गंभीर सवाल उठाए गए, जो अपने राष्ट्र के बुनियादी चरित्र को छिपाने के लिए अक्सर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
भारत ने साफ शब्दों में दुनिया को आगाह किया कि पाकिस्तान न सिर्फ वैश्विक आतंकवाद के गढ़ के रूप में उभरा है, बल्कि वह खुद भी इस चरमपंथ की आग में बुरी तरह से झुलस रहा है। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और मोस्ट वांटेड गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम जैसे खूंखार आतंकवादियों को अपने यहाँ पनाह देने और उनका समर्थन करने का सीधा आरोप भारत ने पाकिस्तान पर लगाया। संयुक्त राष्ट्र जैसे महत्वपूर्ण मंच पर भारत ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान की सत्ता अक्सर ऐसे तत्वों को पोषित करती रही है, जो दुनिया भर में हिंसा और अस्थिरता फैलाते हैं।
भारत ने इस बात को स्पष्ट किया कि जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन से चलने वाले आतंकवाद को स्थायी रूप से नहीं रोकेगा, तब तक उससे कोई भी बातचीत संभव नहीं है। दशकों से पाकिस्तान अपनी भूमि का उपयोग आतंकवादियों को भारत के खिलाफ भड़काने और भेजने के लिए कर रहा है। इसके साथ ही, भारत ने पाकिस्तान को अपने ही अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अत्याचारों और धार्मिक असहिष्णुता के बढ़ते स्तर पर ध्यान केंद्रित करने की नसीहत दी। भारत ने कहा कि जिस देश की अपनी आबादी बुनियादी अधिकारों से वंचित है और जो राजनीतिक तथा आर्थिक संकटों से जूझ रहा है, उसे अन्य देशों पर उंगली उठाने के बजाय अपनी अंदरूनी हालत सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।
यह भारतीय राजनय की तरफ से दिया गया एक स्पष्ट और कठोर संदेश था, जो वैश्विक समुदाय को पाकिस्तान के दोहरे रवैये के प्रति सचेत करता है। भारत ने अपनी तरफ से किसी भी तरह की कमजोरी का प्रदर्शन नहीं किया और दृढ़ता से पाकिस्तान को उसके आतंक समर्थक चेहरे के लिए लताड़ा। यह बयान दर्शाता है कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा और उसे वैश्विक स्तर पर उजागर करने में संकोच नहीं करेगा।
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