दुनिया की राजनीति में भूचाल! ब्रिटेन ने तोड़ा सालों पुराना नियम, अब फ़िलिस्तीन बनेगा अलग देश?
इज़राइल और फ़िलिस्तीन का विवाद दशकों से दुनिया के सबसे जटिल और संवेदनशील मुद्दों में से एक रहा है। इस पर दुनिया के बड़े-बड़े देश बहुत संभलकर अपनी राय रखते हैं। लेकिन अब, ब्रिटेन की राजनीति से एक ऐसी ख़बर आई है, जो इस पूरे विवाद का समीकरण हमेशा के लिए बदल सकती है।
ब्रिटेन की मुख्य विपक्षी पार्टी लेबर पार्टी के नेता कीर स्टारमर, जो अगले प्रधानमंत्री बनने की संभावना रखते हैं, ने एक ऐतिहासिक घोषणा की है। उन्होंने वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी चुनाव जीतती है, तो उनकी सरकार फ़िलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देगी।
क्यों है यह इतनी बड़ी ख़बर?
अब तक ब्रिटेन और अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों की एक अलिखित नीति रही है। उनका कहना है कि इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच स्थायी शांति समझौता होने पर फ़िलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता दी जाएगी। यानी मान्यता को शांति प्रक्रिया का नतीजा माना गया।
लेकिन कीर स्टार्मर इस पूरे नियम को ही पलट रहे हैं। उनका कहना है:
"हम शांति प्रक्रिया के अंत का इंतज़ार नहीं करेंगे, बल्कि हम फ़िलस्तीनी राज्य को मान्यता देकर इस प्रक्रिया को और मज़बूत करेंगे।"
सरल शब्दों में, वह मान्यता को शांति स्थापित करने का एक औज़ार (tool) बनाना चाहते हैं, न कि उसका इनाम।
क्या है इसके पीछे की सोच?
लेबर पार्टी का मानना है कि 'दो-राज्य समाधान' (Two-State Solution) - यानी एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी देश जो इज़राइल के साथ शांति से रहे - का सपना मरता जा रहा है। फ़िलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता देने से कुछ बड़ी चीज़ें होंगी:
- फ़िलिस्तीनियों को मिलेगी उम्मीद: इससे फ़िलिस्तीनी लोगों में यह विश्वास पैदा होगा कि दुनिया उनके अधिकार को मानती है और शांति का रास्ता अभी भी खुला है।
- बातचीत में बराबरी का दर्ज़ा: इससे फ़िलिस्तीन को इज़राइल के साथ बातचीत की मेज़ पर एक बराबर की राजनीतिक ताक़त मिलेगी।
- इज़राइल पर बढ़ेगा दबाव: यह इज़राइल पर भी शांति की दिशा में गंभीरता से काम करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाएगा।
दुनिया भर में कैसी है प्रतिक्रिया?
- फ़िलिस्तीन ने इस बयान का गर्मजोशी से स्वागत किया है। उनके लिए यह एक बड़ी राजनयिक जीत है।
- इज़राइल वह ऐसे किसी भी कदम का कड़ा विरोध करते रहे हैं। उनका मानना है कि इससे बातचीत की प्रक्रिया को नुकसान होगा।
- अमेरिका के लिए यह एक मुश्किल स्थिति होगी, क्योंकि यह ब्रिटेन को उसके सबसे क़रीबी सहयोगी की पारंपरिक नीति से अलग खड़ा कर देगा।
यह महज एक चुनावी वादा है, लेकिन यदि लेबर पार्टी सत्ता में आती है और इस वादे को पूरा करती है, तो यह मध्य पूर्व की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू कर सकती है और अन्य यूरोपीय देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
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