कर्नाटक सरकार की पांच गारंटी स्कीमों के लिए 63,000 करोड़ रुपये की उधारी, राजकोषीय घाटा बढ़ा – CAG रिपोर्ट का खुलासा

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कर्नाटक सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में अपनी चर्चित पांच गारंटी योजनाओं (Gruha Jyothi, Gruha Lakshmi, Anna Bhagya, Shakti और Yuva Nidhi) को चलाने के लिए करीब ₹63,000 करोड़ रुपये की भारी-भरकम उधारी ली। Comptroller and Auditor General (CAG) की नई रिपोर्ट के अनुसार, इन योजनाओं ने राज्य के वित्त पर जबरदस्त दबाव डाला है— कुल राजस्व व्यय का 15% इन पर खर्च हुआ, जिससे घाटा और कर्ज बेतहाशा बढ़ गया।

CAG रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

पांचों गारंटी स्कीम पर खर्च: कुल ₹36,000+ करोड़।

Gruha Lakshmi: ₹16,964 करोड़

Gruha Jyothi: ₹8,900 करोड़

Anna Bhagya: ₹7,384 करोड़

Shakti: ₹3,200 करोड़

Yuva Nidhi: ₹88 करोड़

राजकोषीय घाटा: 2022-23 में ₹46,623 करोड़ से उछलकर 2023-24 में ₹65,522 करोड़ पर पहुंच गया।

राज्य सरकार की उधारी: पिछले साल ₹26,000 करोड़ से बढ़कर इस वर्ष ₹63,000 करोड़—यानी करीब ₹37,000 करोड़ की अतिरिक्त उधारी.

राजस्व घाटा: ₹9,271 करोड़—2022-23 में रिकॉर्ड हुआ सरप्लस इससे उलट हो गया।

इन्फ्रास्ट्रक्चर पर असर: पूंजीगत खर्च यानी सड़क, स्कूल, अस्पताल आदि पर खर्च में ₹5,229 करोड़ की कटौती, अधूरे प्रोजेक्ट्स 68% बढ़े।

राजस्व रिसीप्ट्स की ग्रोथ: सिर्फ 1.86% जबकि खर्च में 12.54% की वृद्धि।

क्या कहती है रिपोर्ट?

CAG के अनुसार, स्कीम्स के संचालन में अन्य सरकारी सब्सिडी और फाइनेंशियल असिस्टेंस को रेशनलाइज न करना राज्य के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। इस खर्च से न सिर्फ सरकारी कर्ज और ब्याज़ का दबाव बढ़ेगा, बल्कि भविष्य के विकास कार्यों जैसे सड़क, हेल्थ, एजुकेशन पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा।

राजनीतिक हलकों में भी इस मुद्दे पर बहस तेज हो गई है। BJP ने इसे 'वित्तीय बम' बताते हुए विधानसभा में सवाल उठाए हैं।

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