गाजर का हलवा सब खाते हैं, लेकिन सर्दियों में यह काला सोना उड़द दाल खा लिया तो डॉक्टर की जरूरत नहीं पड़ेगी

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News India Live, Digital Desk : सर्दियों का मौसम हो और घर में हलवा न बने, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। आमतौर पर जैसे ही ठंड शुरू होती है, हम सबका हाथ सीधे गाजर के हलवे की तरफ बढ़ता है। लेकिन दोस्तों, क्या आपको पता है कि हमारे बड़े-बुजुर्ग और दादी-नानियां सर्दियों में गाजर से ज्यादा "उड़द की दाल के हलवे" पर जोर क्यों देते थे?

आज हम आपको एक ऐसी देसी रेसिपी बताने जा रहे हैं, जो सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि सर्दियों के लिए एक "टॉनिक" है। खास तौर पर उन नई माताओं के लिए जिनके घर अभी-अभी नन्हा मेहमान आया है (After Delivery), यह हलवा किसी वरदान से कम नहीं है।

उड़द दाल का हलवा ही क्यों? (Benefits)
देखिए, उड़द की दाल तासीर में गर्म होती है। इसमें प्रोटीन और आयरन भरकर होता है।

  • हड्डियों के लिए लोहा: ठंड में अक्सर लोगों को जोड़ों का दर्द या कमर दर्द सताता है। यह हलवा हड्डियों को 'ग्रीस' देने का काम करता है।
  • डिलीवरी के बाद रिकवरी: प्रसव के बाद महिलाओं के शरीर में बहुत कमजोरी आ जाती है। यह हलवा उन्हें वापस ताकत देने, दूध बढ़ाने और कमर दर्द को भगाने में मदद करता है। इसे अक्सर गोंद और ढेर सारे मेवों के साथ बनाया जाता है।

बनाने का तरीका (Step-by-Step देसी अंदाज में)
इसको बनाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है, बस थोड़ी सी मेहनत और ढेर सारा प्यार चाहिए।

  1. दाल की तैयारी: सबसे पहले धुली हुई उड़द की दाल को रात भर या कम से कम 4-5 घंटे के लिए भिगो दें। जब यह फूल जाए, तो इसे मिक्सी में थोड़ा "दरदरा" (मोटा) पीस लें। एकदम पेस्ट मत बनाइएगा, वरना स्वाद नहीं आएगा।
  2. भुनाई है असली राज: कड़ाही में अच्छा खासा देसी घी लें। कंजूसी बिल्कुल न करें, क्योंकि असली स्वाद घी से ही आएगा। अब इसमें दाल का पेस्ट डालें।
    • टिप: यही वो स्टेज है जहां आपको सबर रखना है। धीमी आंच पर दाल को तब तक भूनें जब तक कि उसका रंग सुनहरा भूरा (Golden Brown) न हो जाए और पूरा घर घी की खुशबू से न महक उठे।
  3. दूध और मिठास: जब दाल भून जाए और घी छोड़ने लगे, तो उसमें धीरे-धीरे दूध मिलाएं। इसे चलाते रहें ताकि गांठें (Lumps) न पड़ें।
  4. फ्लेवर: अब इसमें चीनी या गुड़ डालें (सर्दियों में गुड़ ज्यादा बेहतर है)। साथ में इलायची पाउडर डाल दें।
  5. ताकत का तड़का: अलग से थोड़ा घी लेकर उसमें 'गोंद' को फुला लें और ढेर सारे काजू, बादाम, पिस्ता काट लें। इसे हलवे में मिलाएं।

लीजिए तैयार है आपका गर्मागर्म इम्युनिटी बूस्टर! इसे सुबह नाश्ते में खाएं या रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ। यह न सिर्फ जुबान को खुश करेगा, बल्कि शरीर को भी फौलाद बना देगा। इस संडे हो जाए एक नई डिश?

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