Kidney Health Risks : प्यास नहीं लगती, इसलिए पानी नहीं पीते? सर्दियों में आपकी किडनी के साथ हो रहा है यह खिलवाड़
News India Live, Digital Desk : जैसे ही ठंड का मौसम शुरू होता है, हम सबके साथ एक चीज जरूर होती है प्यास लगना कम हो जाती है। अब जब प्यास नहीं लगती, तो हमारा हाथ पानी की बोतल की तरफ जाता ही नहीं। हम चाय-कॉफी की चुस्कियां लेते रहते हैं और सोचते हैं कि "चलो, लिक्विड तो जा ही रहा है शरीर में।"
लेकिन रुकिए! नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी के डॉक्टर) चेतावनी दे रहे हैं कि हमारी यही लापरवाही हमारी किडनी को मुसीबत में डाल सकती है।
आखिर सर्दियों में खतरा क्यों बढ़ जाता है?
बात बहुत सीधी है। हमारी किडनी एक तरह का 'फिल्टर' है। इसका काम है शरीर से गंदगी को बाहर निकालना। और इस सफाई अभियान के लिए इसे पानी की सख्त जरूरत होती है, चाहे मौसम सर्दी का हो या गर्मी का।
जब हम सर्दियों में कम पानी पीते हैं, तो शरीर के अंदर विषाक्त पदार्थ (Toxins) जमने लगते हैं।
डॉक्टर्स का कहना है कि इसी मौसम में किडनी में पथरी (Kidney Stones) बनने के चांस सबसे ज्यादा होते हैं क्योंकि पेशाब गाढ़ा हो जाता है और क्रिस्टल बनने लगते हैं।
सिर्फ प्यास लगने का इंतजार न करें
हम सोचते हैं, "जब प्यास लगेगी तब पी लेंगे।" लेकिन विज्ञान कहता है कि ठंड में हमारे शरीर का "प्यास बताने वाला सिस्टम" (Thirst Mechanism) थोड़ा सुस्त हो जाता है। यानी शरीर को पानी चाहिए होता है, पर आपको महसूस नहीं होता।
पानी कम पीने के साइड इफेक्ट्स:
- किडनी स्टोन: यह सबसे दर्दनाक नतीजा हो सकता है।
- UTI का खतरा: यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) सर्दियों में बहुत आम है क्योंकि हम पर्याप्त पानी पीकर ब्लैडर साफ नहीं करते।
- ड्राइ स्किन और थकान: पानी की कमी से त्वचा रूखी होती है और बिना काम किए थकान लगती है।
तो अब क्या करें? (सरल उपाय)
- गुनगुना पानी पिएं: अगर ठंडा पानी पीने का मन नहीं है, तो पानी को हल्का गुनगुना कर लें। यह गले को भी अच्छा लगेगा और किडनी को भी।
- अलार्म लगाएं: अपने मोबाइल में रिमाइंडर लगा लें या एक बॉटल हमेशा पास रखें। टारगेट सेट करें कि दिन में 8-10 गिलास पीने ही हैं।
- अन्य चीजें खाएं: पानी के अलावा रसीले फल, सूप या नारियल पानी पीकर भी हाइड्रेशन बनाए रखें, लेकिन चाय-कॉफी पर ज्यादा निर्भर न रहें (ये डिहाइड्रेशन बढ़ाते हैं)।
याद रखिए, ठंड बाहर है, आपके शरीर के अंदर नहीं। आपकी किडनी को 24 घंटे काम करना है, तो उसे 'ईंधन' यानी पानी देते रहें। छोटी सी आदत बदलें और सेहतमंद रहें!
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