Energy Minister's Electricity Bill: पारदर्शिता पर उठे सवाल, विपक्षी हमलावर
News India Live, Digital Desk: Energy Minister's Electricity Bill: राजस्थान में इन दिनों सियासी गलियारों में बिजली के बिल पर बवाल मचा हुआ है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हिरलाल नागर के जयपुर स्थित सरकारी आवास का बिजली का बिल सबकी नज़रों में आ गया है, जिस पर पारदर्शिता और आम आदमी के साथ भेदभाव के गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
यह जानकर हर कोई अचंभित है कि मंत्रीजी के बंगले का बीते पाँच सालों का कुल बिजली का बिल मात्र 24,000 रुपये आया है। अगर इसकी तुलना करें तो, यह मासिक खपत के लिहाज़ से प्रति माह केवल लगभग 400 रुपये बनता है। वहीं, प्रदेश का आम नागरिक 3 से 4 महीनों में ही इससे ज़्यादा का बिजली बिल चुका रहा है। इस भारी विसंगति ने एक ऐसे विवाद को जन्म दे दिया है जहाँ यह प्रश्न उठाया जा रहा है कि क्या मंत्रियों को बिजली उपयोग में किसी तरह की विशेष छूट मिलती है, या इसके पीछे कुछ और बात है।
इस मुद्दे को विपक्षी दल कांग्रेस ने तुरंत भुनाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार पर हमलावर होते हुए इस 'अविश्वसनीय' बिल की गहन जाँच की माँग की है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह जनता के पैसे के साथ खिलवाड़ और मंत्री पद के दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण है। वे पारदर्शिता की कमी और 'वीआईपी संस्कृति' पर सवाल उठा रहे हैं, जिससे सरकार को सफाई देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
यह पूरा प्रकरण अब राजनीतिक गरमाहट का केंद्र बन गया है। सरकार की तरफ से इस विवादित बिजली बिल पर क्या स्पष्टीकरण आता है और यह मामला आगे चलकर क्या मोड़ लेता है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। यह मामला राज्य की राजनीति में जनता के मुद्दों और नेताओं के व्यवहार के बीच के अंतर को दर्शाता है।
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